नई दिल्ली: आज सोमवार व्रत है. शिव त्रिदेवों में से एक हैं. उनको सृष्टि का संहारक भी माना जाता है. शिव बहुत ही दयालु हैं. ऐसी मान्यता है कि अगर शिव आपसे प्रसन्न हैं, तो आपको संकट का सामना नहीं करना पड़ता है. सोमवार के दिन सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस वजह से लोग सोमवार व्रत रखते हैं और शिव मंदिर जाकर बेलपत्र और दूध चढ़ाते हैं. आप भी जानें आखिर सोमवार के दिन ही भगवान शिव की पूजा क्यों की जाती है.
इस दिन रखे जाने वाले व्रत को सोमेश्वर व्रत के नाम से भी जाना जाता है. इसका अर्थ होता है सोम के ईश्वर यानी चंद्रमा के ईशवर जो कि भगवान शिव को कहा जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार चंद्र देव ने इसी दिन भगवान शिव की आराधना करके उन्हें प्रसन्न किया था और अपने क्षय रोग से मुक्ति पायी थी.
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत करता है उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. शिव अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. सोमवार का व्रत करने से जीवन से दुख, रोग, कलह, क्लेश और आर्थिक तंगी दूर होती है.
सोमवार को इसलिए होती है शिव पूजा
सोमवार के दिन शिवजी की पूजा के साथ ही साथ व्रत भी रखा जाता है. इस दिन रखे जाने वाले व्रत को सोमेश्वर व्रत के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ सोम के ईश्वर यानि चंद्रमा के ईश्वर, जोकि भगवान शिव हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रदेव ने इसी दिन भगवान शिव की आराधना करके अपने क्षय रोग से मुक्ति प्राप्त की थी, इसलिए सोमवार के दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाने लगा.
शिवजी की पूजा में न करें ये गलतियां
शिव अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. सोमवार का व्रत बेहद ही सरल होता है, लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम हैं. उन नियमों का पालन करना आवश्यक है. कई बार सोमवार के व्रत और पूजन में कुछ गलतियां हो जाती है और कहा जाता है कि इन गलतियों की वजह से व्रत का फल नहीं मिल पाता.
सोमवार के भगवान शिव की पूजा की जाती है और इस दिन व्रत करने से भगवान खुश होकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. लेकिन शिवजी की पूजा में भूलकर भी ऐसी गलती न करें.
शिवजी की पूजा में दूध का जलाभिषेक किया जाता है.
गलती से भी तांबे से लोटे में दूध न डालें.
तांबे के बर्तन में दूध डालने से दूध संक्रमित होता हो जाता है और चढ़ाने योग्य नहीं रहता.
शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाएं तभी जलाभिषेक पूर्ण होता है.
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर कभी भी रोली व सिंदूर का तिलक नहीं करना चाहिए.
शिवलिंग पर हमेशा चंदन का ही तिलक करें.
भगवान शिव के मंदिर में परिक्रमा करते वक्त ध्यान रखें कि कभी भी पूरी परिक्रमा न लगाएं.
जहां से दूध बहता है वहां रूक जाएं और वापस घूम जाएं.
ये भी पढ़िए- Aaj Ka Rashifal: क्या कहते हैं मेष, वृष, मिथुन, कर्क, कन्या के सितारे, जानिए आज के राशिफल में
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.