Vastu Shastra: अगर आपके घर में भी है ये वास्तु दोष तो पक्का बिगड़ जाते होंगे बनते-बनते काम, आज ही करें ये अचूक उपाय

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियों में खामी है तो आपके घर में परेशानियां आ सकती हैं. वास्तु में सीढ़ियों का विशेष महत्व होता है.

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Oct 24, 2024, 08:11 PM IST
  • किस दिशा में बनाएं सीढ़ियां
  • कहां नहीं बनानी चाहिए सीढ़ी
Vastu Shastra: अगर आपके घर में भी है ये वास्तु दोष तो पक्का बिगड़ जाते होंगे बनते-बनते काम, आज ही करें ये अचूक उपाय

नई दिल्लीः Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियों में खामी है तो आपके घर में परेशानियां आ सकती हैं. वास्तु में सीढ़ियों का विशेष महत्व होता है. वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन किया जाए तो उस स्थान पर रहने वाले सदस्यों के लिए यह कामयाबी और सफलता की सीढ़ियां बन सकती हैं.

किस दिशा में बनाएं सीढ़ियां

घर या इमारत के दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य कोण में सीढ़ियां बनाने से इस दिशा का भार बढ़ जाता है जो वास्तु की दृष्टि में बहुत शुभ माना जाता  है. इसलिए इस दिशा में सीढ़ियों का निर्माण सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इससे धन संपत्ति में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है. दक्षिण या पश्चिम दिशा में इनका निर्माण करवाने से भी कोई हानि नहीं है.

घर के मध्य भाग में न बनाएं सीढ़ियां

अगर जगह का अभाव है तो वायव्य या आग्नेय कोण में भी निर्माण करवाया जा सकता है , लेकिन इससे बच्चों को परेशानी होने की आशंका रहती है. घर का मध्य भाग यानी कि ब्रह्म स्थान अति संवेदनशील क्षेत्र माना गया है इसलिए भूलकर भी यहां सीढ़ियों का निर्माण नहीं कराएं, अन्यथा वहां रहने वालों को विभिन्न प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

ईशान कोण की बात करें तो इस दिशा को तो वास्तु में हल्का और खुला रखने की बात कही गई है इसलिए यहां सीढ़ियां बनवाना अत्यंत हानिकारक सिद्ध हो सकता है. ऐसा करने से पेशेगत दिक्कतें, धन हानि या कर्ज में डूबने जैसी समस्याएं सामने आती हैं. बच्चों का करियर बाधित होता है. शुभ फल की प्राप्ति के लिए ध्यान रहे कि सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए. जैसेः 5 ,7 ,9 ,11 ,15 , 17  आदि. 

सीढ़ियों के शुरू और अंत में दरवाजा होना वास्तु नियमों के अनुसार होता है लेकिन नीचे का दरवाजा ऊपर के दरवाजे के बराबर या थोड़ा बड़ा हो. इसके अलावा एक सीढ़ी से दूसरी सीढ़ी का अंतर 9 इंच सबसे उपयुक्त माना गया है . सीढ़ियां इस प्रकार हों कि चढ़ते समय मुख पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा की ओर हो और उतरते वक्त चेहरा उत्तर या पूर्व की ओर हो.

कैसे दूर करें सीढ़ी से जुड़ा वास्तु दोष

अगर वास्तु के अनुरूप आपके घर में सीढ़ी नहीं बनी है तो उसे दूर करने के लिए आप स्वास्तिक से जुड़ा अचूक उपाय कर सकते हैं. वास्तु के अनुसार सीढ़ियों के साथ वाली दीवार पर रोली से स्वास्तिक बनाने से वहां पर स्थित वास्तु दोष दूर हो जाता है. यदि आप ने सीढ़ी के नीचे कुछ गलत चीज का निर्माण करवा दिया है तो इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए वहां तुलसी का पौधा रखें.

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