नई दिल्ली: Masik Shivratri 2024 February: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि दिन गुरुवार 08 फरवरी को है. इस दिन भगवान शिव के संग मां पार्वती की पूजा और व्रत करने का विधान है. मासिक शिवरात्रि व्रत को विवाहित और अविवाहित लड़कियां करती हैं. शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति का हर मुश्किल काम आसान हो जाता है. मासिक त्योहारों में शिवरात्रि का व्रत और पूजन का बहुत महत्व होता है. आइए जानते हैं, माघ माह की मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में:
मासिक शिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त
माघ माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 08 फरवरी दिन गुरुवार को सुबह 11 बजकर 17 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 09 फरवरी दिन शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर तिथि का समापन होगा.
मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें. अब आप किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार पार्वती, गणेश, कार्तिक, की पूजा करें. इस दिन आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें. ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं. अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें. अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
मासिक शिवरात्रि का महत्व
हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है. हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का व्रत भी बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से हर मनोमनाएं पूरी होती हैं. इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं. मासिक शिवरात्रि का व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है और उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं.
मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें. अब आप किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार पार्वती, गणेश, कार्तिक, की पूजा करें. इस दिन आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें. ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं. अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें. अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)