पालघर: हाईकोर्ट ने उद्धव सरकार को भेजा नोटिस, रिमांड पर भेजे गए आरोपी

पालघर में संतो को भीड़ द्वारा मार डालने के आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया है जहां क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट की टीम उनसे पूछताछ करेगी.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 1, 2020, 05:34 PM IST
    • पालघर में संतो को भीड़ द्वारा मारने के आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया है
    • लापरवाह पुलिसकर्मियों को किया जा रहा सस्पेंड
पालघर: हाईकोर्ट ने उद्धव सरकार को भेजा नोटिस, रिमांड पर भेजे गए आरोपी

मुंबई: मुंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार से पालघर मॉब लिंचिंग केस को लेकर नोटिस जारी किया है और दो हफ्तों में जवाब भी मांगा है. पालघर में हुई दर्दनाक घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने एक याचिका लगाई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार से केस से जुड़ी जानकारी देने के लिए आदेश भी जारी किया है.

इसके अलावा अदालत ने आरोपियों को CID की रिमांड पर भेज दिया है.कोर्ट ने सरकार को पालघर मॉब लिंचिंग केस में चल रही पड़ताल की विस्तृत जानकारी मांगी है.

रिमांड पर भेजे गए आरोपी

 

आपको बता दें कि पालघर पुलिस ने संतों की हत्या के मामले में 5 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें आज अदालत के सामने पेश किया था. इन्हीं आरोपियों को रिमांड पर भेज दिया गया है. ये लोग 13 मई तक रिमांड पर रहेंगे और CID इन सभी से हत्या के मामले में पूछताछ करेगी.

लापरवाह पुलिसकर्मियों को किया जा रहा सस्पेंड

आपको बता दें महाराष्ट्र सरकार ने कई लापरवाह और निकम्मे पुलिसवालों को निलंबित कर दिया है. बुधवार को इस मामले में तीन और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इनमें एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर और 2 हेड कॉन्स्टेबल शामिल हैं, जो कि कासा पुलिस स्टेशन में तैनात थे. इससे पहले दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था जो कि थाने के इंचार्ज थे. उसके बाद करीब 35 पुलिसकर्मियों का एक साथ तबादला कर दिया गया था.

शिवसेना के रुख पर उठे थे सवाल

सर्वविदित है कि शिवसेना ने सत्ता के लालच में विचारधारा से समझौता करके कांग्रेस के साथ सरकार बना ली थी. इसके बाद से कई ऐसे मौके आये जब मुख्यमंत्री पद की कुर्सी बचाने के लिए उद्धव ठाकरे कांग्रेस की कठपुतली बन गए. उन्होंने सोनिया गांधी को खुश रखने के लिए नागरिकता कानून और NRC तक का विरोध किया जो मांग वर्षों तक बाल ठाकरे करते रहे. हाल ही में जब पालघर में संतों की पीट पीट कर निर्ममता से हत्या कर दी गई तो शिवसेना ने मुँह पर ताला लगा लिया था लेकिन जनता के दबाव में आकर उद्धव ठाकरे को आरोपियों पर कार्रवाई करनी पड़ी.

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