नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में Corona के कहर के कारण छठ पूजा का आयोजन खटाई में पड़ रहा है. Coronavirus संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए दिल्ली में सार्वजनिक मंदिर, घाट (Ghat) और मैदानों में छठ पूजा की अनुमति दिए जाने से दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इनकार कर दिया है.
कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की और कहा कि त्योहार तभी मना पाओगे जब जिंदा रहोगे.
18 नवंबर से हुई शुरुआत
जानकारी के मुताबिक, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि त्योहार के लिए ज़िंदा रहना ज़रूरी है. दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा (Chhath Puja) करने की अनुमति नहीं दी है. इसके बाद पूजा की अनुमति के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस साल छठ पर्व 18 नवंबर से 21 नवंबर तक मनाया जाएगा. 18 नवंबर को इसकी शुरुआत हो गई है.
कोर्ट ने लगाई फटकार
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सार्वजनिक स्थानों पर छठ पर्व मनाने को लेकर दिल्ली में सियासी घमासान जारी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है कि इस बार सार्वजनिक स्थानों पर छठ पर्व नहीं होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कोविड-19 के मद्देनजर तालाबों और नदी के किनारों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
छठ पर्व पर घाटों पर हजारों की संख्या में लोग इकठ्ठा होते हैं. ऐसे में कोरोना वायरस का फैलाव बड़े पैमाने पर होने का खतरा है. उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को भी इस तरह की याचिका लगाने पर फटकार लगाई है.
यह है छठ पर्व का शेड्यूल
18 नवंबर का दिन नहाय-खाय, 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 21 नवंबर की सुबह के अर्घ्य के साथ इस महापर्व की समाप्ति होगी. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को छठ पर्व से पहले अपने इलाकों के धार्मिक और सामाजिक नेताओं और छठ पूजा समितियों के साथ मीटिंग करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
यह भी पढ़िएः Covid 19 के बढ़ते मामलों पर सख्त High Court, केजरीवाल सरकार को लगाई फटकार
देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप. जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा...