Mathura में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका स्वीकार, 18 नवंबर से होगी सुनवाई

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हमारी अपील को स्वीकार कर लिया गया है. जिला जज ने जितने भी विपक्षी थे उन्हें नोटिस जारी किया है. मजिस्द पक्ष को जवाब देना है. कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, ईदगाह ट्रस्ट, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही मस्जिद ईदगाह को नोटिस भी भेजा है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 16, 2020, 06:47 PM IST
    • 12 अक्टूबर को श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से जिला अदालत में केस दायर किया गया था
    • शाही मस्जिद की जमीन समेत 13.37 एकड़ इलाके पर दावा करते हुए मालिकाना हक मांगा गया है
Mathura में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका स्वीकार, 18 नवंबर से होगी सुनवाई

मथुरा: अब जिला अदालत मथुरा (Mathura) के श्रीकृष्ण विराजमान (Shri Krishna Virajman) की याचिका पर सुनवाई करेगा. शुक्रवार को जिला जज की अदालत ने श्रीकृष्ण विराजमान (Shri Krishna Virajman) की याचिका स्वीकार कर ली है साथ ही कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष रखने को कहा है. इससे पहले सिविल जज की अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी. 

13.37 एकड़ जमीन पर किया गया दावा
जानकारी के मुताबिक, 12 अक्टूबर को श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से जिला अदालत में केस दायर किया गया था. याचिका में परिसर में अतिक्रमण कर शाही ईदगाह मस्जिद बनाने का आरोप लगाया गया है.

शाही मस्जिद की जमीन समेत 13.37 एकड़ इलाके पर दावा करते हुए मालिकाना हक मांगा गया है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 18 नवंबर को होगी. 

जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हमारी अपील को स्वीकार कर लिया गया है. जिला जज ने जितने भी विपक्षी थे उन्हें नोटिस जारी किया है. मजिस्द पक्ष को जवाब देना है. कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, ईदगाह ट्रस्ट, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही मस्जिद ईदगाह को नोटिस भी भेजा है.

दावा है कि इस समय जहां मस्जिद है कभी वहां कंस का कारागार था और वहीं पर कृष्ण का मंदिर था. मुगलों ने इसे तोड़कर वहां शाही ईदगाह मस्जिद बनवा दी.

57 पेज की है याचिका
याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री ने कहा कि 25 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. 30 सितंबर को सिविल जज ने हमारे केस को खारिज कर दिया था. तब कोर्ट ने कहा था कि भक्त होने के नाते अगर हमारा केस मंजूर किया जाता है तो न्यायिक व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी. इस आदेश के बाद जिला न्यायालय में अपील की. हमने जो ग्राउंड दिए थे, उसके आधार पर जिला कोर्ट ने हमारी अपील मंजूर की है. अधिवक्ता विष्णु जैन और हरिशंकर जैन द्वारा सीनियर सिविल जज छाया शर्मा की अदालत में दायर यह याचिका 57 पेज की है. जिसमें उन्होंने अपनी सारी बातें रखी हैं. 

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