नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज लॉकडाउन की वजह से देश के भिन्न भिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों को लेकर सुनवाई हुई. इसमें अदालत ने केंद्र सरकार को बड़ा आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 15 दिन के भीतर सभी मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और सभी राज्य सरकारें इसमें केंद्र का सहयोग करें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रेल मंत्रालय से कहा कि 24 घंटे में आवश्यक श्रमिक ट्रेनों का प्रबंध करे.
लॉकडाउन उल्लंघन के केस बन्द
'Centre and states have to prepare a list for identification of migrant workers in a streamlined manner. Employment relief to be mapped out and skill-mapping to be carried out to migrant labourers', Supreme Court said in its order. https://t.co/Nt7oy2K81R
— ANI (@ANI) June 9, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने उन मजदूरों पर से केस हटाने का भी आदेश दिया है जिन मजदूरों पर पैदल चलने के कारण लॉक डाउन के उल्लंघन का मुकदमा हुआ था. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के मुताबिक मजदूरों को घर भेजने का इंतजाम किया जाए. श्रमिकों के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने के आरोप में दर्ज सारी शिकायतें और मुकदमे वापस और रद्द किए जाएं.
अधिक श्रमिक ट्रेनों का किया जाए प्रबंध
Supreme Court said in its order that in the event of demand of Shramik Trains, Railways shall provide trains within 24 hours; also Railways will provide all schemes to migrant workers and publicise them.
— ANI (@ANI) June 9, 2020
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य 15 दिन में बचे हुए श्रमिकों को उनके गांवों तक भेजें. श्रमिक ट्रेन ज्यादा चलाई जाएं ताकि उनको यात्रा के लिए अप्लाई करने के 24 घंटे में ही ट्रेन मिल जाए. न्यायालय ने आदेश में कहा कि पलायन करने का मन बना चुके प्रवासी श्रमिकों को आज से 15 दिनों के अंदर अपने गांव या जहां वो जाना चाहें, भेजने का समुचित इंतजाम सुनिश्चित किया जाय. राज्य श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की स्कीम तैयार करें.
मजदूरों को रोजगार देने के लिए राज्य बनाएं योजना
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है. इसके बारे में प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजदूरों को सभी स्कीम का लाभ दिया जाए और स्कीमों के बारे में मजदूरों को बताया भी जाए.
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आपको बता दें कि प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इस मामले में 5 जून को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम सभी प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए आपको 15 दिन का समय देंगे.