नई दिल्ली: पंजाब की जेल में बंद उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के मुद्दे पर योगी सरकार (Yogi Government) ने हलफनामा दाखिल किया. उत्तर प्रदेश की सरकार ने शीर्ष न्यायालय (Supreme Court) में कहा कि मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की सुरक्षा के लिये हम प्रतिबद्ध हैं लेकिन पंजाब सरकार उसे बचा रही है.  


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सुप्रीम कोर्ट में जमकर हुई बहस


उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि पंजाब सरकार गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का ‘‘बेशर्मी’’ से बचाव कर रही है और विभिन्न मामलों में मुकदमों की सुनवाई का सामना करने के लिए उसे उत्तर प्रदेश नहीं भेज रही है. अंसारी रंगदारी के एक कथित मामले में पंजाब के रूपनगर जिला जेल में बंद है.


2 मार्च तक सुनवाई स्थगित


आपको बता दें कि न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी की पीठ ने पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे के प्रतिवेदन का संज्ञान लिया जिसमें उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए मामले को स्थगित करने का अनुरोध किया था. उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें दवे की मामले को स्थगित करने की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है.


शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई को दो मार्च तक स्थगित कर दी है. 


मुख्तार अंसारी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मुख्तार एक छोटी मछली है जिसे यूपी सरकार ने चारों ओर से घेर लिया है. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि आप एक मामूली व्यक्ति हैं, जिसे पंजाब  बेशर्मी से बचा रहा है. 


जनवरी 2019 से पंजाब जेल में बंद है मुख्तार अंसारी


आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी जनवरी 2019 से पंजाब में रूपनगर जिला जेल में बंद है. योगी सरकार ने शीर्ष अदालत को दी गई लिखित अर्जी में कहा कि अंसारी के हिरासत हस्तांतरण की योजना बारीकी से बनायी गई थी और संदेह जताया कि इलाहाबाद के विशेष एमपी/एमएलए अदालत के न्यायाधीश के समक्ष उनके खिलाफ सुनवाई में देरी की साजिश की जा रही है.


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उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता के तहत विचाराधीन बंदी के स्थानांतरण के लिए कोई विशेष प्रावधान या जेल मैन्युअल नहीं है, फिर भी न्यायालय भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत निहित अधिकार का उपयोग करके परिस्थिति और तथ्यों पर विचार करते हुए अंसारी को उत्तर प्रदेश के जिला जेल, बांदा स्थानांतरित करने का आदेश दे सकता है. 


झूठे बहाने बना रहा है मुख्तार अंसारी 


यूपी सरकार ने कहा कि मुख्तार अंसारी की झूठी अर्जी है कि वह उत्तर प्रदेश इसलिए नहीं जाना चाहते हैं क्योंकि उनकी जान को खतरा है. पंजाब सरकार की अर्जी से बिलकुल अलग है जिसमें कहा गया है कि वह मेडिकल कारणों से यात्रा नहीं कर सकते. पंजाब सरकार का व्यवहार स्पष्ट है क्योंकि पिछले दो साल में ना तो अंसारी ने जमानत की कोई अर्जी दी है और ना हीं पंजाब पुलिस ने आरोपी को दो साल तक जेल में बंद रखने के बावजूद आरोपपत्र दाखिल किया है.


पंजाब से गैर कानूनी काम कर रहा मुख्तार- योगी सरकार


सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि अजीब बात यह है कि मुख्तार अंसारी पंजाब सरकार की देखरेख वाली जेल से उत्तर प्रदेश में अपनी गैरकानूनी गतिविधियां चला रहा है. अंसारी का पंजाब के रुपनगर जेल से उत्तर प्रदेश के बांदा जिला जेल में स्थानांतरण आवश्यक है और मुकदमे की सुनवाई में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी से मसला हल नहीं होगा क्योंकि अतीत में ऐसा कई बार हो चुका है जब इस माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं कराई जा सकी है.


गौरतलब है कि शीर्ष अदालत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पंजाब राज्य और रूपनगर जेल अधिकारियों को तत्काल अंसारी को जिला जेल बांदा को सौंपने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. याचिका में रंगदारी मामले के संबंध में पंजाब में चल रही आपराधिक कार्यवाही और सुनवाई को इलाहाबाद की विशेष अदालत में स्थानांतरित करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था. 


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