एक सुपर स्टार की एंट्री और बदल सकती है 39 लोकसभा सीटों वाले राज्य की पॉलिटिक्स

विजय राज्य में बेहद लोकप्रिय हैं ऐसे में सत्ताधारी डीएमके से लेकर विपक्षी एआईएडीएमके तक के वोटबैंक के असर डाल सकते हैं. इसके अलावा राज्य में तेजी से अपनी जगह बना रही भारतीय जनता पार्टी के लिए विजय एक चुनौती हो सकते हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 3, 2024, 09:54 PM IST
  • थलापति विजय ने राजनीति में एंट्री.
  • 2026 विधानसभा चुनाव का है लक्ष्य.
एक सुपर स्टार की एंट्री और बदल सकती है 39 लोकसभा सीटों वाले राज्य की पॉलिटिक्स

चेन्नई. तमिल सुपरस्टार विजय ने शुक्रवार को अपनी राजनीतिक पार्टी थमिझागा वेट्री कज़ग की घोषणा की. इसे लेकर राज्य के राजनीतिक दलों और नेताओं ने तमिल विजय के राजनीति में एंट्री करने का स्वागत किया है. मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) के संस्थापक और सांसद वाइको ने कहा कि वह राजनीति में विजय के प्रवेश का स्वागत करते हैं. वाइको ने कहा-विजय ने तमिलनाडु के लिए कई अच्छे काम किए हैं और अब वह राजनीति में एंट्री कर रहे हैं। उनके प्रयास राज्य के लिए अच्छे होंगे.

उदयनिधि स्टालिन ने किया स्वागत
तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री और डीएमके युवा विंग के अध्यक्ष उदयनिधि स्टालिन ने एक्टर विजय के राजनीति में प्रवेश करने के फैसले का स्वागत किया. उदय ने कहा-भारतीय लोकतंत्र में हर किसी को राजनीतिक पार्टी बनाने का अधिकार है. एक्टर विजय ने भी ये फैसला लिया है, मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं.

के. अन्नालमाई ने कहा-विजय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी
इसके अलावा राज्य बीजेपी चीफ के.अन्नामलाई ने एक्स पर किया-विजय ने भ्रष्ट राजनीति के खिलाफ लड़ने, गैर-पक्षपातपूर्ण और स्वच्छ राजनीति देने और लोगों की सेवा करने के लिए एक राजनीतिक पार्टी (तमिझागा वेट्री कज़गम) लॉन्च की है. मैं इसका स्वागत करता हूं. तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष के.एस. अलागिरी ने भी विजय के सियासी पारी में एंट्री करने पर स्वागत किया है.

2026 का लक्ष्य तय किया
बता दें कि विजय ने 2026 के विधानसभा चुनावों में उतरने का लक्ष्य तय किया है. उनकी राजनीति से राज्य में पुराने राजनीतिक खिलाड़ियों पर असर हो सकता है.  तमिलनाडु की राजनीति लंबे समय से दो ध्रुवीय है. 1960 के दशक में डीएमके ने तमिलनाडु में कांग्रेस के हाथों से सत्ता ली थी. इसके बाद लंबे समय राज्य में डीएमके और एआईएडीएमके के बीच पारंपरिक राजनीतिक लड़ाई जारी है. 

लोकप्रियता से दूसरी पार्टियों के लिए चुनौती
विजय राज्य में बेहद लोकप्रिय हैं ऐसे में सत्ताधारी डीएमके से लेकर विपक्षी एआईएडीएमके तक के वोटबैंक के असर डाल सकते हैं. इसके अलावा राज्य में तेजी से अपनी जगह बना रही भारतीय जनता पार्टी के लिए विजय एक चुनौती हो सकते हैं. 

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