तेजस्वी के नाम पर महागठबंधन में तकरार, लेकिन नीतीश NDA को स्वीकार

बिहार में होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने साफ कर दिया है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर NDA चुनाव लड़ेगी.  लेकिन  महागठबंधन में यह साफ नहीं हो पाया है की मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा. आरजेडी अपना नेता तेजस्वी यादव को बता रही है. उधर कांग्रेस टाल मटोल कर रही है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 17, 2020, 10:02 PM IST
    • आरजेडी ने लगाई तेजस्वी के नाम पर मुहर
    • मान नहीं रहे कांग्रेस और 'हम'
    • NDA में नहीं कोई भ्रम
    • महागठबंधन में इसलिए है फूट
    • तेजस्वी के आगे झुकने में महागठबंधन नेताओं को हो रही है मुश्किल
तेजस्वी के नाम पर महागठबंधन में तकरार, लेकिन नीतीश NDA को स्वीकार

पटना: देश के गृह मंत्री अमित शाह ने 16 जनवरी को वैशाली की अपनी सभा में यह साफ कर दिया कि बिहार में होने वाले विधान सभा  चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जायेगा और वही NDA का चेहरा रहेंगे. लेकिन  महागठबंधन का चेहरा  कौन होगा इस पर अभी कोई सहमति नहीं बनी है.  

आरजेडी ने लगाई तेजस्वी के नाम पर मुहर
राष्ट्रीय जनता दल तेजस्वी यादव को  महागठबंधन का चेहरा बता रहा है.  आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने साफ शब्दों में  महागठबंधन के नेताओ को नसीहत देते हुये कहा है कि आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है और मुख्यमंत्री का उम्मीदवार तेजस्वी यादव होंगे. महागठबंधन को इसमें कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए. 

मान नहीं रहे कांग्रेस और 'हम'
आरजेडी की इस नसीहत को कांग्रेस मानने को तैयार नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा की अभी कोई मीटिंग  महागठबंधन की नहीं हुई है और जब बैठक होगा उसमे तय किया जायेगा की चेहरा कौन होगा उसके बाद कांग्रेस आलाकमान को इस बात से अवगत कराया जायेगा तब फाइनल माना जाएगा. 

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता विजय यादव ने भी कहा है कि  महागठबंधन में एक बैठक करके कोआर्डिनेशन कमेटी बना कर तय किया जाएगा की महागठबंधन का सीएम उम्मीदवार कौन होगा और किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा जब तक कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक नहीं होगी तब तक सीएम का उम्मीदवार कौन होगा, इसकी घोषणा नहीं होगी. 

NDA में नहीं कोई भ्रम 
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन काफी पुराना है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में क्षमता है इसलिए बार-बार उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कहीं जा रही है. 
महागठबंधन में सभी लोग सीएम पद के उम्मीदवार हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीता राम मांझी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा. इसके साथ ही कांग्रेस मानती है कि उसके पास भी दक्ष लोगों की कमी नहीं है. आरजेडी मानती है कि लंबे समय तक शासन रहा है. महागठबंधन में अब तक नेतृत्व पर बात नहीं बनी है क्योंकि तालमेल आपस में नहीं है.  महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी के लिए लड़ाई हो रही है. 

भाजपा के कुछ नेताओं को जेडीयू से शिकायत तो है लेकिन गृहमंत्री के बयान के बाद नीतीश के नाम सहमति जताना उनकी मजबूरी है. बीजेपी एमएलसी सचितानन्द राय ने कहा कि  तीसरी बार अमित शाह ने कहा है कि नीतीश कुमार 2020 के CM का चेहरा होंगे. लेकिन जेडीयू के लोग NRC ,CAA पर अनावश्यक बयान देकर गठबंधन धर्म को ठीक से नहीं निभा रहे हैं. 

महागठबंधन में इसलिए है फूट
महागठबंधन में बिना कोई सहमति बनाये RJD ने तेजस्वी यादव को CM का चेहरा प्रोजेक्ट कर दिया लालू यादव उस समय जेल से बाहर थे. इसलिए सभी इस बात पर सहमत हो गए. लेकिन लालू यादव जेल फिलहाल में है और लोक सभा चुनाव में आरजेडी जीरो पर आउट हुई है.  इस लिये तेजस्वी यादव के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है.  

तेजस्वी के आगे झुकने में महागठबंधन नेताओं को हो रही है मुश्किल
महागठबंधन में तेजस्वी से भी सीनियर लीडर है लेकिन तेजस्वी यादव उन लीडर से भी अपने आप को गंभीर मानते है. महागठबंधन के कोई भी कार्यक्रम हो या तो नहीं पहुंचते है अगर पहुंचते है तो लेट पहुंचते हैं. तेजस्वी का यह रवैया महागठबंधन के नेताओ को रास नहीं आ रहा है. लोकसभा में RJD की करारी हार ने भी महागठबंधन के नेताओं को चेहरा बदलने पर मजबूर कर दिया है.  
  
अगर तेजस्वी यादव के नाम पर सहमति नहीं बनती है, तो महागठबंधन टूट जायेगा. क्योंकि महागठबंधन के घटक दल दूसरे गठबंधन में भी जगह तलाश रहे है.  

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