गुलाम नबी आजाद ने की कांग्रेस की तारीफ, भाजपा को पसंद नहीं आएगी यह बात

गुलाब नबी आजाद ने कहा, मैं अब भी चाहता हूं कि कांग्रेस गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव जीते. वह हिंदू और मुस्लिम किसानों को साथ लेकर चलती है. वह कभी भी धर्मनिरपेक्षता की कांग्रेस की नीति के खिलाफ नहीं थे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 7, 2022, 08:39 AM IST
  • गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा देने के 2 महीने बाद की कांग्रेस की तारीफ
  • कहा वे चाहते हैं कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव कांग्रेस जीते
गुलाम नबी आजाद ने की कांग्रेस की तारीफ, भाजपा को पसंद नहीं आएगी यह बात

श्रीनगर: सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का फिर से कांग्रेस के प्रति प्रेम जाग गया है? दरअसल गुलाब नबी आजाद ने अपनी पुरानी पार्टी की तारीफ की है. जबकि दो महीने पहले ही 26 अगस्त को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. इसके बाद आजाद ने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी बनाई, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू और कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी.

क्या बोले गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस से इस्तीफा देकर उनका अनुसरण करने वाले अपने समर्थकों को आश्चर्यचकित करते हुए आजाद ने रविवार को कहा कि गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों में अकेले कांग्रेस में भाजपा को चुनौती देने की क्षमता है. आम आदमी पार्टी (आप) सिर्फ केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली तक सीमित पार्टी है. डोडा जिले के अपने दौरे के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं.

धर्मनिरपेक्षता की प्रशंसा की
आजाद ने कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता की प्रशंसा की और कहा कि वह कांग्रेस के खिलाफ नहीं, उसकी कमजोर पार्टी प्रणाली के खिलाफ हैं. वह कभी भी धर्मनिरपेक्षता की कांग्रेस की नीति के खिलाफ नहीं थे.

चाहते हैं ये दो राज्य जीते कांग्रेस
उन्होंने कहा, "मैं अब भी चाहता हूं कि कांग्रेस गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव जीते." आजाद ने कांग्रेस पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह हिंदू और मुस्लिम किसानों को साथ लेकर चलती है.

आप की आलोचना
पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस की तारीफ की और आप की जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा, "आप पंजाब की सत्ता में भले ही आ गई है, लेकिन वह इस राज्य में कुछ नहीं कर सकती और पंजाब के लोग आप को दोबारा वोट नहीं देंगे. कांग्रेस ही पंजाब को कुशलता से चला सकती है. यह एकमात्र पार्टी है जो गुजरात और हिमाचल में भाजपा को चुनौती दे सकती है. आप केवल दिल्ली में मौजूद है. कांग्रेस की समावेशी नीति है."

अब सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या पूर्व वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस के प्रति फिर से नरमी बरती है. जबकि उन्होंने यहां तक कह दिया था कि राहुल गांधी ने जो भी फैसले लिए हैं, वह उनके सुरक्षाकर्मी ले रहे हैं. इस साल 26 अगस्त को आजाद ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजने के बाद कांग्रेस के साथ अपने दशकों पुराने जुड़ाव को खत्म कर दिया था. उन्होंने राहुल गांधी की काफी आलोचना की थी.

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