अमरिंदर सिंह के करियर का ये है शर्मनाक अंत, हमेशा रहे पंजाब के नायक और पूरे राज्य का गर्व

कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. एक समय पूर्व मुख्यमंत्री का कांग्रेस  पार्टी में बड़ा दबदबा था. पंजाब में कांग्रेस मतलब कैप्टन अमरिंदर सिंह ही थे. हालांकि, विपरीत परिस्थितियों के चलते उन्होंने साल 2021 में मुख्यमंत्री पद और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 10, 2022, 01:53 PM IST
  • कांग्रेस से अपने राजनी‍त‍िक जीवन की शुरुआत की थी
  • 1977 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजनीति में एंट्री ली थी
अमरिंदर सिंह के करियर का ये है शर्मनाक अंत, हमेशा रहे पंजाब के नायक और पूरे राज्य का गर्व

पंजाब: कांग्रेस से अलग होने के बाद अपनी पार्टी बनाने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब विधान सभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. इसे उनके करियर का अंत माना जा सकता है क्योंकि वह अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं. अमरिंदर सिंह को पटियाला विधान सभा सीट से 19797 वोटों से हार मिली है और उन्हें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अजितपाल सिंह कोहली ने मात दी. जानते हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह के पूरे राजनीतिक करियर के बारे में. 

एक समय था कांग्रेस में दबदबा
कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. एक समय पूर्व मुख्यमंत्री का कांग्रेस  पार्टी में बड़ा दबदबा था. पंजाब में कांग्रेस मतलब कैप्टन अमरिंदर सिंह ही थे. हालांकि, विपरीत परिस्थितियों के चलते उन्होंने साल 2021 में मुख्यमंत्री पद और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस नाम से एक नई पार्टी का गठन किया. बस इसी के साथ पंजाब में कांग्रेस की नाव डूबना तय हो गया था. रही सही कसर नवजोत सिंह सिद्धू को निशाने पर रख कर दी. 

पहले चुनाव में कैप्‍टन को करना पड़ा था हार का सामना
कैप्‍टन ने कांग्रेस से अपने राजनी‍त‍िक जीवन की शुरुआत की थी. 1977 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजनीति में एंट्री ली थी. कैप्‍टन कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन कद्दावर नेता स्व. गुरचरण सिंह टोहड़ा से चुनाव हार गए. 1980 के लोकसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह दोबारा चुनाव लड़े. ज‍िसमें कैप्‍टन तकरीबन 79 हजार मतों से अकाली दल के उम्मीदवार को हराने में सफल रहे थे.

पहले भी छोड़ी थी कांग्रेस
यह पहली बार नहीं है, जब अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ी हो. इससे पहले भी उन्होंने 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के चलते कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वह 1998 में पार्टी में वापस लौटे. 

1985 में कैप्‍टन अकाली दल में शामिल हो गए. इचुनाव को जीतने के बाद जब अकाली दल की सरकार बनी तो कैप्‍टन को कृषि मंत्री बनाया गया.

सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट
1992 में कैप्‍टन अमर‍िदर ने अकाली दल से भी नाता तोड़ ल‍िया. ज‍िसके बाद कैप्‍टन ने शिरोमणी अकाली दल (पंथक) नाम से अलग पार्टी बना ली. 1998 में कैप्‍टन वापस कांग्रेस में शाम‍िल हो गए और उन्‍होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में व‍िलय करा द‍िया.

पिता थे पटियाला के अंतिम राजा
कैप्टन अमरिंदर सिंह साल 2002 से 2007 और 2017 से सितंबर 2021 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता महाराजा यादवेंद्र सिंह पटियाला रियासत के अंतिम राजा थे. राज परिवार ताल्लुक रखने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय सेना में भी सेवाएं दी और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में लड़े. 

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