शिवसेना ने खेला नया दांव! मुसलमानों पर उद्धव ठाकरे के बदल गए सुर, जानिए वजह...

महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए हर कोई एड़ी-चोटी का जोर लगाने में जुटा हुआ है. ऐसे में भला शिवसेना कैसे पीछे छूट सकती है. चुनाव सिर पर है और इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुसलमानों की याद क्यों आ गई? इसके पीछे क्या वजह हो सकती है, चलिए आपको समझाते हैं...

Last Updated : Oct 9, 2019, 12:13 PM IST
    • महाराष्ट्र की सत्ता हासिल करने के लिए शिवसेना ने चला मुस्लिम आरक्षण का दांव!
    • अब ये सवाल उठ रहा है कि आखिर चुनाव में ही उद्धव ठाकरे को मुसलमानों की याद क्यों आई?
शिवसेना ने खेला नया दांव! मुसलमानों पर उद्धव ठाकरे के बदल गए सुर, जानिए वजह...

नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, सियासी सुगबुगाहट के तेज होने का सिलसिला रफ्तार पकड़ता दिखाई दे रहा है. हर कोई अपनी पूरी ताकत झोंक कर सत्ता पर काबिज होने का ख्वाब देख रहा है. इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक से शिवसेा ने मुस्लिम कार्ड खेल दिया है. शिवसेना के इस रुख को देखकर हर कोई हैरान हो गया है और राजनीतिक खेमे में गर्माहट बढ़ गई है.

लेकिन, इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर चुनाव के वक्त ही उद्धव ठाकरे को मुसलमानों की याद क्यों आई है. 

दरअसल, मराठी मानुष और हिंदुत्व का नारा बुलंद करने वाली शिव सेना अब मुस्लिमों की मसीहा बनकर महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होने के सपने देख रही है. हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र और देश में शिवसेना को जिस मुकाम पर पहुंचाया. वो तेवर आज उनकी ही विरासत के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर बदल गए हैं.

बाल ठाकरे को जिस कुर्सी का कभी मोह नहीं रहा, लेकिन उद्धव ठाकरे उसी कुर्सी के लिए मुस्लिमों के पक्षधर बनकर खड़े हो गए हैं. बाला साहब ठाकरे ने ये कहा था कि 'ये कुर्सी का मोह मुझे नहीं है, क्यों कुर्सी होती है, क्या कुर्सी क्या होती है? लोग मुझे किंग मेकर के तौर पर पसंद करते हैं'

लेकिन, शिवसेना के तेवर और सुर दोनों ही बदलते जा रहे हैं. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उनकी पार्टी मुस्लिम आरक्षण का समर्थन करती है. बई में दशहरा रैली के दौरान मंच से उद्धव ने चुनावी हुंकार भरी और कहा कि जिस तरह शिवाजी महाराज की सेना में महाराष्ट्र के मुसलमानों ने दिल्ली के शासकों का तख्त हिला दिया था. उसे देखते हुए शिवसेना मुसलमानों का भी स्वागत करती है.

क्या बोले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे?

'शिवाजी महाराज की सेना में महाराष्ट्र के मुसलमान और दूसरे सभी धर्मों के लोगों ने दिल्ली के शासकों का तखत हिला दिया था, शिवसेना मुसलमानों का भी स्वागत करती है. शिवसेना मुस्लिम आरक्षण और धनगर आरक्षण की पक्षधर है.'

तो क्या ये समझा जाए कि अब हिंदुत्व का झंडा छोड़, मुस्लिम कार्ड थामकर शिवसेना का 'सपना' पूरा होगा?

उधर, शिवेसना सांसद संजय राउत ने चुनाव से पहले ही ऐलान कर दिया है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी शिवसेना की ही होगी. संजय राउत ने कहा था कि अगली दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे के बगल में शिवसेना का सीएम बैठा होगा. 

महाराष्ट्र चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है ऐसे में शिवसेना इस बार अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुटी हई है. शिवसेना अबकी बार 100 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है.

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