Uttarakhand Election: कांग्रेस हाईकमान से मिलने के बाद अब हरीश रावत ने सरेआम क्यों मांगी माफी?

Uttarakhand Election: उत्तराखंड में चुनाव से पहले हरीश रावत चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस हाईकमान से मिलने के बाद उनके रुख में नरमी आई.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 27, 2021, 02:05 PM IST
  • जानिए हरीश रावत ने क्यों मांगी माफी
  • अगले साल उत्तराखंड में होने हैं चुनाव
Uttarakhand Election: कांग्रेस हाईकमान से मिलने के बाद अब हरीश रावत ने सरेआम क्यों मांगी माफी?

नई दिल्लीः Uttarakhand Election: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान के प्रमुख हरीश रावत (Harish Rawat) ने दिल्ली में हाईकमान से मिलने के बाद अब सोशल मीडिया पर माफी मांगी है. उन्होंने कहा, 'मेरे से थोड़ी गलती हो गई है इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं.'

ट्विटर पर रावत ने मांगी माफी
हरीश रावत ने ट्विटर पर लिखा, 'कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में थोड़ी गलती हो गई, मेरा नेतृत्व शब्द से अहंकार झलकता है. चुनाव मेरे नेतृत्व में नहीं बल्कि मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा. मैं अपने उस घमंडपूर्ण उद्बोधन के लिए क्षमा चाहता हूं, मेरे मुंह से वह शब्द शोभाजनक नहीं है.' 

चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे थे सीएम
दरअसल, हरीश रावत चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे थे. इसे लेकर उन्होंने सार्वजनिक तौर पर मांग की थी और संगठन पर असहयोग का आरोप लगाया था. हालांकि, दिल्ली से बुलावा आने के बाद उनकी नाराजगी शांत हो गई थी. 

'मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा चुनाव'
दिल्ली से लौटने के बाद हरीश रावत ने शनिवार को देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें उन्होंने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इसी नेतृत्व शब्द को लेकर रविवार को उन्होंने माफी मांगी. उन्होंने कहा कि चुनाव मेरे नेतृत्व में नहीं बल्कि मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा.

रावत को हाईकमान से मिला आश्वासन
बता दें कि हरीश रावत को दिल्ली से आश्वासन मिला था कि अगला विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. इसमें सभी उनका सहयोग करेंगे. यह आश्वासन पाने के बाद दिल्ली से देहरादून पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का उनके समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी से स्वागत किया. 

याद रहे कि अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस जहां हरीश रावत की अगुवाई में सत्ता में वापसी को लेकर प्रयास कर रही है तो बीजेपी सीएम धामी के नेतृत्व में जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रही है. सूबे में पहली बार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी किस्मत आजमाने जा रही है.

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