नई दिल्ली: बंगाली और उड़िया (Bengali songs) में अपनी आवाज से गाने पिरोने वाली प्रसिद्ध बंगाली गायिका निर्मला मिश्रा (Nirmala Mishra) ने दुनिया से विदा ले लिया है. वो 81 साल की थीं. मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है. बढ़ती उम्र के साथ उन्हें कई बीमारियों ने घेर लिया था. दक्षिणी कोलकाता के चेतला इलाके में वो काफी सालों से रह रही थीं.
डॉक्टर ने दी ये जानकारी
इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें रात करीब 12 बजकर 5 मिनट पर हार्ट अटैक आया था. नर्सिंग होम में जब उन्हें लाया गया तो वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. गायिका के पार्थिव शरीर को रात भर अस्पताल में ही रखा गया. रवींद्र सदन में लोग उन्हें अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दे पाए. उनका अंतिम संस्कार कोरताला श्मशान घाट में किया जाएगा.
घर पर ही चाहती थीं इलाज
सिंगर निर्मला मिश्रा को डॉक्टरी इलाज पर विश्वास नहीं था. वो डॉक्टरी इलाज से परहेज करती थीं. घरवालों ने बताया कि वो घर पर ही इलाज पर जोर दिया करती थीं. अपने आखिरी समय में भी वो घर पर ही थीं. पहले भी कई बार उन्हें अस्पताल ले जाया जा चुका था. चुंकि वो अस्पताल जाने के लिए तैयार नहीं होती थीं तो इसके लिए घर पर ही सारी व्यवस्था कर दी गई. डॉक्टर्स के मुताबिक पहले भी उन्हें तीन स्ट्रोक और दो बार दिल का दौरा पड़ चुका था.
निर्मला मिश्रा की गायिकी का सफर
'बोले तो अर्शी', 'कागोजेर फूल बोले', 'ई बांग्लार माटी चाय' जैसे लोकप्रिय गानों को निर्मला ने अपनी सुरीली आवाज दी थी. उन्हें उनकी बेहतरीन गायिकी के लिए मिश्रा बालकृष्ण दास पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. निर्मला मिश्रा ने कई उड़िया फिल्मों में के लिए भी गाने गाए थे. उनका जाना संगीत जगत के लिए बेहद दुखद घटना है.
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