नई दिल्ली: 70 के दशक में 'ऊपर आका नीचे काका' की कहावत हर किसी की जुबां पर चढ़ गई थी. ये दीवानगी सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के लिए थी. जिन्हें हर फिल्मों की सफलता की चाबी कहा जाने लगा था. राजेश खन्ना के लिए सिर्फ आम ही नहीं, बल्कि मशहूर निर्माता-निर्देशक भी दीवाने रहते हैं. उनके लिए लोगों के प्यार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसी फिल्म के साथ उनका नाम जुड़ने पर ही वह फिल्म हिट हो जाया करती थी.
स्ट्रगलिंग के दिनों में कार से चलते थे राजेश खन्ना (Rajesh Khanna)
राजेश खन्ना इंडस्ट्री के इकलौते ऐसे एक्टर थे जो अपने स्ट्रगलिंग के दिनों में भी महंगी कार में जाया करते थे. जबकि उस समय किसी स्टार के पास भी अपनी कार होना बड़ी बात मानी जाती थी.
राजेश खन्ना ने 3 दशकों तक इंडस्ट्री पर राज किया. उन्होंने एक से एक बेहतरीन किरदारों को बखूबी पर्दे पर उतारा. राजेश खन्ना का जादू दर्शकों पर ऐसा चला कि लोग पर्दे पर सिर्फ उन्हीं को देखना पसंद करते थे.
खून से खत लिखती थीं लड़कियां
काका के हर अंदाज पर सिनेमाघर तालियों और सीटियों की आवाज से गूंज उठते थे. राजेश खन्ना के प्यार में खासतौर पर लड़कियां इतनी दीवानी हो चुकी थीं कि अभिनेता को खून से लिखे खत तक भेजे जाने लगे. लड़कियां उनका नाम अपने नाम पर गुदवाया करती थीं.
लड़कियां मांग मे सजाती थीं कार की धूल
सिर्फ इतना ही नहीं, अगर कहीं राजेश खन्ना की कार खड़ी दिख जाती थी, तो लड़कियां उनकी सफेद कार को ही इतनी किस (Kiss) कर लेती थीं, कि वो सफेद चमचमाती कार भी लिपस्टिक से गुलाबी हो जाती थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तो ऐसा भी कहा जाता है कि काका की फीमेल फैंस उनकी कार की धूल भी अपनी मांग में सजाकर खुश हो जाता करती थीं.
मुश्किल में फंस गए थे राजेश खन्ना
दर्शकों में काका के लिए ऐसा पागलपन देख इंडस्ट्री के सभी निर्माता-निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में साइन करने के लिए उनके ऑफिस के बाहर लाइनें लगाए खड़े रहते थे.
एक वक्त ऐसा भी आया था कि राजेश खन्ना के लिए यह निर्णय लेना मुश्किल हो गया था कि वह किसकी फिल्म में काम करें और किसे इंकार करके दिल तोड़ दें. ऐसे में उन्होंने इस समस्या से बाहर आने के लिए एक खास तरकीब निकाली.
काका ने निकाला था स्पेशल रास्ता
काका ने निर्णय लिया कि उनके पास जिन भी फिल्मों के ऑफर आया करेंगे उनका वह लक्की ड्ऱॉ निकालेंगे. ऐसे में सभी निर्माताओं को बुलाते थे और उनके नाम की पर्ची बनाकर ड्रॉ निकालते थे. इसमें जिसका भी नाम आता था काका उसी की फिल्म को साइन कर लेते थे.
हॉस्पिटल पहुंच गए थे फिल्मकार
राजेश खन्ना को लेकर एक और किस्सा बहुत मशहूर है. दरअसल, एक बार काका को पाइल्स का ऑपरेशन करवाने के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा था. ऐसे में जैसे ही निर्माताओं को इस बात की खबर लगी उन्होंने भी काका के आस-पास के सभी बेड्स बुक कर लिए. ताकि जैसे ही काका की तबीयत ठीक हो वह उन्हें वहीं अपनी फिल्म की स्किप्ट सुना सकें,
हमेशा दिलों में जिंदा रहेंगे काका
बता दें कि राजेश खन्ना की सफलता में किशोर कुमार और आरडी बर्मन का भी बड़ा हाथ है. क्योंकि इन्होंने राजेश खन्ना के लिए सबसे ज्यादा गीत गाए हैं, जो न सिर्फ उस दौर में, बल्कि आज भी खूब पसंद किए जाते हैं.
राजेश खन्ना अपने यादगार सफर के जरिए हमेशा अपने चाहने वालों में जिंदा रहेंगे. उन्होंने 18 जुलाई, 2012 को हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
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