नई दिल्लीः साल 1980 का रहा होगा. निर्देशक के बालाचंदर (K. Balachander) फिल्म एक-दूजे के लिए बना रहे थे. एक तरफ ऋषि कपूर थे दूसरी ओर दक्खिन से आए कमल हासन. फिल्म की शूटिंग जारी थी.
एक गाना था जिसमें कमल और ऋषि को साथ दिखना था. पर्दे पर तो होंठ हिलते दिख जाते, लेकिन चेहरे के साथ आवाज कैसे मिलती? SP Balasubrahmanyam ने तब तक हिंदी फिल्मों में शुरुआत नहीं की थी.
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खोज जारी थी, फिल्म रुकी थी
ऋषि कपूर की आवाज के लिए बीते सालों से किशोर कुमार परफेक्ट बने हुए थे. मल्टी टैलेंटड किशोर दा को ही थोड़ी आवाज बदलकर कमल हासन के लिए भी गाने को कहा गया. लेकिन बात बनी नहीं. Balachander निराश हुए जा रहे थे और खिसिया भी रहे थे. एक गाने की वजह से फिल्म अटक रही थी. गाना था 'तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अंजाना'
और सामने आए एसपी बालासुब्रहमण्यम
फिल्म के साथ जावेद अख्तर भी जुड़े थे. एक दिन सेट पर वह कमल हासन की ही किसी तेलगु फिल्म का गाना सुन रहे थे. कुछ ध्यान आया तो निर्देशक साहब की ओर दौड़ पड़े. बोले- आप खामखा परेशां हो रहे हैं. अरे एसपी बाला को बुलाइए. 1981 में फिल्म आई. हिट रही,
गाना फिट रहा और हिंदी सिनेमा को मिली एक मखमली, शहद घोलती नई आवाज एसपी बालासुब्रहमण्यम (SP Balasubrahmanyam). इस गीत के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला.
आज उनकी बात इसलिए क्योंकि 4 जून 1946 को उनका जन्म (SP Balasubrahmanyam birth anniversary) हुआ था.
इंजीनियर बनना चाहते थे एसपी
खैर, ये तो सभी ही जानते हैं कि एसपी इंजीनियर बनने वाले थे. ऐसा चाहते भी थे. संगीत तो शुरुआत में कुछ शौकिया ही रहा इसलिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने पहुंचे. पहुंचे तो जरूर लेकिन बीमार पड़ गए. वक्त निकल गया, इंजीनियरिंग पीछे छूट गई, लेकिन बाला आगे बढ़ गए.
इस आगे बढ़ने में संगीत ने उनका बहुत साथ दिया. एक इंटरव्यू में वह बता रहे थे कि संगीत से जटिल कारीगरी कोई नहीं. यह हर तरह का विज्ञान है और इसे समझने में विज्ञान की पढ़ाई ने भी बहुत मदद की.
इलैयाराजा (Ilaiyaraaja) से थी गहरी दोस्ती
दक्षिण के संगीत की बात हो तो इलैयाराजा (Ilaiyaraaja) का नाम आप नहीं छोड़ सकते. इलैयाराजा का नाम आप लेंगे तो बाला भी आएंगे ही. दोनों दोस्त रहे और लगता है कि दोस्ती लिखाकर लाए थे. एक दिन पहले ही 3 जून को इलैया (Ilaiyaraaja) ने अपना जन्मदिन मनाया और 4 जून को एसपी बाला (SP Balasubrahmanyam) को उनके जन्मदिन पर याद किया जाता है.
इस दोस्ती की शुरुआत एक छोटे से म्यूजिकल ग्रुप से हुई. दोनों ही इसका खास हिस्सा हुआ करते थे जो जगह-जगह प्रस्तुति देते थे.
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2017 में हुई अनबन
लेकिन, बीते चार सालों में इस दोस्ती में कट्टी की बात सुनाई दे रही थी. मार्च 2017 में एसपी बालासुब्रमण्यम (SP Balasubrahmanyam) ने मीडिया के सामने घोषणा की थी कि अब वह संगीतकार इलैयाराजा (Ilaiyaraaja) के कंपोज किए गाने नहीं गाएंगे. दरअसल, इलैया (Ilaiyaraaja) ने उन्हें एक लीगल नोटिस भेजा था.
जिसमें कहा गया था कि बगैर इजाजत एसपी उनके कंपोज किए गाने नहीं गाएंगे. एसपी (SP Balasubrahmanyam) उस दौरान कई देशों में सिंगिग के कॉन्सर्ट और शो कर रहे थे. इलैया और बालासुब्रमण्यम ने पिछले चार दशकों में साथ मिलकर सौ से ज्यादा सुपरहिट गाने दिए थे, लेकिन अंदरूनी तौर पर दोनों में किस बात को लेकर अनबन हुई यह साफ-साफ सामने कभी नहीं आया.
चली गई सलमान खान (Salman Khan) की आवाज
खैर, अब तो एसपी बाला रहे भी नहीं. लेकिन, जब उनका निधन हुआ तो सबसे ज्यादा बार यही कहा गया कि सलमान खान (Salman Khan) की आवाज चली गई. खुद सलमान (Salman Khan) भी यही मानते हैं कि उन्हें सिनेमा में स्थापित करने में फिल्मों के चयन से अधिक एसपी बालासुब्रमण्यम (SP Balasubrahmanyam) की आवाज का हाथ है.
'साथिया, तूने क्या किया' क्या आप सोच सकते हैं कि इस गाने के लिए कोई और आवाज दे सकता है? ये ख्याल आएगा ही नहीं. आमिर खान को स्थापित करने में जो कमाल उदित नारायण ने, शाहरुख खान के लिए जो कलाकारी सोनू निगम की आवाज ने की है, सलमान खान के लिए वही काम दक्षिण से आए एसपी बालासुब्रमण्यम (SP Balasubrahmanyam) ने किया था.
इतने रिकॉर्ड-इतने रिकॉर्ड की पूछिए मत
रिकॉर्ड की तो बात मत पूछिए. इस बारे में तो वे और इलैया (Ilaiyaraaja) दोनों ही जैसे शर्त लगाकार काम करते थे. एसपी बालासुब्रमण्यम (SP Balasubrahmanyam) के बारे में ये मशहूर है कि उन्होंने एक दिन में 21 कन्नड़ गाने गाकर रिकॉर्ड बनाया था.
ये भी बताते हैं कि सबसे ज्यादा गाना गाने का गिनीज रिकॉर्ड ( करीब 40000) भी उनके नाम हैं. इस बारे में 2016 के एक इंटरव्यू में बाला ने कहा था कि ऐसी गिनतियां उन्होंने बहुत पहले की थीं, लेकिन अब वे भूल चुके हैं.
उत्तर से दक्षिण तक हैं SP
लेकिन. संगीत चाहे दक्षिण का हो या उत्तर की हिंदी का, वह एसपी (SP Balasubrahmanyam) को नहीं भूल सकता. फिल्म टू स्टेट्स के एक सीन में उनके ही गाने को दिखाकर एसपी बाला के प्रति संगीत के क्षेत्र में उनके खास योगदान को सम्मान दिया गया था.
अगर आप सुरों के दीवाने हैं और बाला को भूल जाते हैं तो यह गुनाह-ए-अजीम होगा. लेकिन लगता नहीं कि Youtube की प्लेलिस्ट आपसे ऐसा होने देगी. वह फौरन पूछ लेगी.. साथिया... तूने क्या किया?
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