मैं सुशांत सिंह राजपूत.. आप सभी को बहुत कुछ बताना चाहता हूं, आज भी कई लोग ऐसे हैं जो शायद मेरे हत्यारों को बचाना चाहते हैं. आज भी वो यही साबित करने में लगे हुए हैं कि मैंने इस दुनिया के षड्यंत्र और मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या कर ली. लेकिन ये सरासर झूठ है कि मैंने खुद से खुद को मारा, मेरी हत्या की गई है. मैं शुक्रगुजार हूं, उन सभी लोगों को जो इस झूठ को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि मैंने सुसाइड कर ली. लेकिन मैं आज सभी से ये कहना चाहता हूं, ज़रा सी भी लापरवाही मेरे असल हत्यारों को बचा सकती है. क्योंकि ये आप भी जानते हैं कि रिया चक्रवर्ती मेरी हत्या कर ही नहीं सकती है..!
मैं जानता हूं कि मेरी मौत के बाद आप सभी के लगन और संकल्प के बल पर ही मेरी हत्या की CBI जांच हो रही है. मेरी मौत का राज़ ढूंढते-ढूंढते आज Bollywood की वो सारी असलियत दुनिया के सामने आ रही है, जो चकाचौंध जिंदगियों के बीच छिपी थी. मैं मानता हूं कि बॉलीवुड का हर एक पाप सामने आना चाहिए, लेकिन आज ये दुनिया इस बात को भूलती दिख रही है कि मैंने सुसाइड नहीं किया.
ऐसे तो मेरी हत्या करने वाले बच निकलेंगे
रिया और जितने भी लोगों ने नशे को लेकर जो गुनाह किए हैं, उसके लिए उन्हें निश्चित तौर पर सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन मैं आपको सचेत करना चाहता हूं कि कही आप रिया-रिया ही करते रह जाए और असली कातिल बचकर निकल ना जाए.
#सुशांत_सिंह_राजपूत के असली कातिल को पकड़ने की मुहिम फीकी पड़ने लगी है..#SushantWasMurdered @shwetasinghkirt @KanganaTeam @ayush_sinha7 https://t.co/hQ2QVb3fQW
— ZEE HINDUSTAN (@Zee_Hindustan) September 18, 2020
जब मैं जिंदा था, तब मैंने ये बात कही थी कि बॉलीवुड में कंगना रनौत का दृढ़निश्चय मुझे बेहद पसंद है, आज कंगना ने मेरे लिए जो कुछ भी किया, वो शायद ही कोई दूसरा करता. मेरी हत्या का सच सामने लाने की मुहिम में हर किसी ने काफी बेहतर भूमिका निभाई. लेकिन अब धीरे-धीरे असल मुद्दे से भटकाया जा रहा है. इसकी सिर्फ एक ही वजह दिख रही है, वो ये है कि मेरी हत्या एक 'हाई प्रोफाइल मर्डर' है.
कितने सबूत चाहिए #MumbaiPolice? नहीं हो पा रहा है तो मैं मदद करूं?
सुशांत के अनुसार उनकी हाइट- 183 सेमी.
पुलिस के अनुसार सुशांत की हाइट- 178 सेमी.
झूठे तथ्यों का सहारा सुशांत की मौत को सुसाइड साबित करने की कोशिश करने वालों को "करारा जवाब मिलेगा"
हद है.#SushantSinghRajputmurder pic.twitter.com/DIg78n8PQ0— आयुष पत्रकार (@ayush_sinha7) July 25, 2020
मुझे मारने वालों की पहुंच काफी बड़ी है, तभी तो मुंबई पुलिस ने भी मेरे मर्डर को सुसाइड केस बनाकर क्लोज करने की भरपूर कोशिश की. मुझे इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठाने वालों की आवाज खुद महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने की. पहले दिन से ही मेरी हत्या के सबूतों को तहस-नहस करने की कोशिश की गई. यहां तक कि मुंबई पुलिस ने मेरी हाइट के बारे में भी सरासर झूठ फैलाया, मेरी मौत की हर जांच में रोड़ा अटकाने की कोशिश की. हर कोई समझ सकता है कि मेरी हत्या के पीछे कितने ताकतवर लोगों का हाथ है. पहले मुझे मारा गया और फिर मेरी हत्या को सुसाइड बनाया गया.
मेरी हत्या की थ्योरी लिखने वालों ने कभी ये सोचा भी नहीं होगा कि मुझे मारने के बाद मामला इतना अधिक तूल पकड़ लेगा. खैर, वो कहावत है न "सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं" मुझे इंसाफ दिलाने वालों के लिए मेरा यही संदेश है. आपको मैं ये समझा देता हूं कि आखिर मैं बार-बार चीखकर ये क्यों कह रहा हूं कि मुझे बड़ी ही बेरहमी से मौत के हवाले कर दिया गया.
मेरी पूरी जिंदगी इस बात की सबसे बड़ी साक्ष्य है कि मैं एक जिंदादिल इंसान था, जो कभी भी खुदकुशी कर ही नहीं सकता. यदि आपको इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है, तो मैं आपको समझाता हूं कि मैं ये बार-बार क्यों कह रहा हूं कि मैंने सुसाइड नहीं किया.
मेरे मरने के बाद मुझसे जुड़ी ढेर सारी बातें आपतक तरह-तरह के माध्यम से पहुंच गई होंगी, लेकिन मैं भी आपको कुछ बताना चाहता हूं. मेरी जिंदगी में आम और खास के बीच कोई फर्क नहीं था, क्योंकि मैंने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली में थिएटर के जरिए की थी, आपको शायद ही मालूम होगा कि उस वक्त मुझे एक थिएटर करने का 250 रुपये मिलता था, लेकिन मेरा जुनून और मेरी उत्तेजना मुझे हमेशा आगे की तरफ ढ़केलती रही.
दिल्ली के बाद मुंबई, बैकअप डांसर, IIFA अवार्ड के स्टेज पर स्टार्स के पीछे डांस करना, सीरियल में छोटा सा रोल, पवित्र रिश्ता, काई पो चे, शुद्ध देसी रोमांस... एक के बाद एक फिल्में और मेरी जिंदगी को बदल देने वाला प्रोजेक्ट महेंद्र सिंह धोनी की बायोग्राफी.. मैं बढ़ता रहा, लेकिन मैंने कभी अपनी जमीन नहीं छोड़ी. मुझे मालूम था कि मेहनत और हुनर को मौके की तलाश होती है. ऐसे ही हुनर को तराशना मेरा सपना बन गया. मेरी 34 साल की जिंदगी का सफर इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि मैं अपने सपने को पूरा करने के लिए जमीन आसमान एक कर सकता था. मैं वही सुशांत था, जो कभी एक थिएटर करके 250 रुपये कमाता था. इसी के साथ मेरे सपनों की लिस्ट बन चुकी थी. "ड्रीम 50"
जो इस गलतफहमी में जी रहा है कि मैंने आत्महत्या कर ली उसे मैं ये नसीहत देता चाहता हूं कि प्लीज़ आप लोग मेरे बारे में तुक्का लगाने के बजाय मेरी फिल्म छिछोरे को दिल से देखिए और समझिए..
मैंने जिंदगी में बहुत उतार चढ़ाव देखे हैं. मुझे जान से प्यारी मेरी मां ने उस वक्त इस दुनिया को छोड़ दिया जब मैं सिर्फ 16 साल का था. उस वक्त मैं बहुत कमजोर था. मेरी जिंदगी की वो एक कमी कभी नहीं पूरी हुई. लेकिन मैंने कभी Give Up नहीं किया. जब मैंने अपनी मां को खोने के बाद ऐसा कदम नहीं उठाया, तो भला कुछ करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट और मेरे साथ हो रहे दुर्व्यवहार के चलते मैं जिंदगी का साथ छोड़ दूंगा? अगर मैं इतनी आसानी से हार मान जाता तो मैं आज भी दिल्ली के मंडी हाउस के बाहर चाय समोसे खाकर अपनी किस्मत को कोसता रहता और यहां तक कभी नहीं पहुंच पाता.
ये वो शख्सियत था, जो हर किसी से प्यार करता था. दूसरों से चिढ़ता नहीं था, उनकी अच्छाई को खुद में उतारता था।
ये सुसाइड कर ही नहीं सकता...#SushantSingRajput #cbiforsushant #सुशांत_सिंह_राजपूत #justiceforSushantforum pic.twitter.com/vdGmmVPKAA
— आयुष पत्रकार (@ayush_sinha7) July 16, 2020
जिन लोगों ने इस बात पर यकीन कर लिया कि मैंने आत्महत्या कर लिया, वो शायद मुझे कभी नहीं समझ पाएंगे. मैं किसी को समझाना नहीं चाहता, लेकिन इस दुनिया को ये चीख-चीखकर बताना चाहता हूं कि मैं बुज़्दिल नहीं हूं, मैंने खुद को नहीं मारा, मैंने सुसाइड नहीं किया, मैंने मौत को गले नगीं लगाया.
यह अभी तक मिले सबूतों के आधार पर आयुष सिन्हा की कलम से लिखा गया है.