नई दिल्ली: सितंबर-अक्टूबर के महीने में बारिश का ऐसा कहर दशकों बाद देखा गया है. लौटते मानसून के बादलों ने आधे हिन्दुस्तान में बर्बादी का ऐसा कहर बरपाया कि लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर हो गए. देश के 14 राज्यों में मानसून ने जाते-जाते ऐसी तबाही मचाई है कि लोग अब बारिश के नाम से ही कांपने लगे हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 25 साल में ये अब तक की सबसे अधिक मॉनसूनी बारिश है. जिससे देश के 277 जिले जलमग्न हो गए. इतना ही नहीं लंबे मानसून ने सैकड़ों लोगों से उनकी सांसे भी छीन ली. सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 14 राज्यों में बाढ़ और बारिश से 1685 लोगों की मौत हो चुकी है.
क्या कहते हैं आकड़ें?
- महाराष्ट्र- सबसे ज्यादा 377 लोगों की मौत
- पश्चिम बंगाल- 225 लोगों की मौत
- केरल- बाढ़-बारिश से 180 लोगों की मौत
- मध्य प्रदेश- बारिश-बाढ़ से मौत का आकड़ा 180 रहा
- गुजरात- पानी से 150 लोगों की मौत
- बिहार- 130 बारिश की भेट चढ़ गए
- कर्नाटक- 105 लोगों की बारिश और बाढ़ से मौत
यहां बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर सितंबर के आखिर और अक्टूबर की शुरुआत में भी मानसून के बादल इतना कहर क्यों बरपा रहे है.
पानी से पट गया पटना
बिहार की राजधानी पटना में दो दिन पहले बादलों ने ऐसी आफत बरसाई की पूरा शहर ही जलमग्न हो गया. पटना की सड़के दरिया बन गई. तो घर-आंगन तालाब हो गए. जान बचाने के लिए क्या आम आदमी और क्या वीआईपी सब झोला लेकर सड़कों पर आ गए. पटना ही नहीं बल्कि बिहार के कई और जिलों में भी बाढ़ के हालात है. बिहार की राजधानी पटना के सड़कों पर जहां पानी बह रहा है, वहीं पूर्वी यूपी में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है.
पुणे डूब गया
बारिश और बाढ़ का तांडव महाराष्ट्र के पुणे में भी देखने को मिला. यहां भी बारिश के चलते घर, दुकान और सड़कों पर दरिया बन गया. लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
मुंबई पानी-पानी हो गई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तो इस साल बादलों के कहर से कई बार जलमग्न हुई. मुंबई में जब-जब बारिश हो रही है, जिंदगी मानो रुक सी जा रही है. सबसे तेज दौड़ती मुंबई पर इस बार बारिश ने कई दफा ब्रेक लगा दिया.
राजस्थान में बाढ़ से हाहाकार मचा
गर्मियों में तपन से झुलसने वाले राजस्थान में भी इस बार बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला. बाढ़ ने सूबे के कई जिले को अपने आगोश में ले लिया. जिससे लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया.
मध्य प्रदेश बारिश और बाढ़ से बेहाल
मध्य प्रदेश में पिछले पखवाड़े में भारी बारिश की वजह से कई जिलों में आई बाढ़ से लाखों का नुकसान हुआ. मौसम विभाग का मानना है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मानसून के लौटने की गुंजाइश है.
गुजरात के लोगों को बारिश और बाढ़ की झेलनी पड़ी मार
दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र और मध्य गुजरात में मूसलाधार बारिश का कहर लगातार जारी है. अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा में भारी बारिश होने से लोगों की जिंदगी रुक दी गई है. इसके अलावा कई अन्य जिलों में भी लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
मॉनसून की जोरदार बारिश के कारण सितंबर का महीना 102 सालों में सबसे ज्यादा भिगाने वाला रहा. लेकिन लौटते मानसून के इस कहर के पीछ पसिफिक ओसन में अल नीनो इफेक्ट और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र को माना जा रहा है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब एक हफ्ते तक कम दबाव का क्षेत्र बना रहेगा. जिससे मध्य और उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भारी बारिश देखने को मिल सकती है.