Jamia Violence Case: किसे बनाया गया बलि का बकरा? अदालत ने शरजील इमाम से मांगा जवाब

जामिया नगर हिंसा मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने पुलिस की याचिका पर शरजील इमाम और अन्य से जवाब मांगा है. दिसंबर 2019 में यहां जामिया नगर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद भड़की हिंसा के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 13, 2023, 04:21 PM IST
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम से मांगा जवाब
  • जामिया नगर हिंसा मामले में पुलिस की याचिका
Jamia Violence Case: किसे बनाया गया बलि का बकरा? अदालत ने शरजील इमाम से मांगा जवाब

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को छात्र कार्यकर्ताओं शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तनहा और अन्य से 2019 के जामिया नगर हिंसा मामले में आरोपमुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर उनका पक्ष जानना चाहा.

शरजील इमाम और अन्य को कोर्ट ने जारी किया नोटिस
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर इमाम और अन्य को नोटिस जारी किया और स्पष्ट किया कि निचली अदालत की टिप्पणियों से मामले या मुकदमे में आगे की जांच प्रभावित नहीं होगी. निचली अदालत ने 4 फरवरी के अपने आदेश में इमाम और तनहा सहित 11 लोगों को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया था कि उन्हें पुलिस द्वारा 'बलि का बकरा' बनाया गया था और असहमति को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, न कि दबाया जाना चाहिए.

दिसंबर 2019 में यहां जामिया नगर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद भड़की हिंसा के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

जानिए दिल्ली पुलिस ने अपनी याचिका में क्या कहा
पुलिस ने अपनी याचिका में कहा है कि निचली अदालत का आदेश कानून के स्थापित सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है और इसमें काफी विसंगतियां हैं. पुलिस की दलील में कहा गया है कि निचली अदालत ने न केवल आरोपी व्यक्तियों को आरोपमुक्त किया, बल्कि 'भावनाओं' में बह गई तथा अभियोजन एजेंसी पर आक्षेप लगाया है.

पुलिस ने कहा है कि अभियोजन एजेंसी और जांच के खिलाफ 'गंभीर पूर्वाग्रहपूर्ण' और 'प्रतिकूल' टिप्पणी की गई है. इमाम पर 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था. इमाम जेल में ही रहेंगे, क्योंकि वह 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की साजिश मामले में आरोपी हैं.

निचली अदालत ने 11 आरोपियों को किया था आरोपमुक्त
निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि निश्चित रूप से घटनास्थल पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी थे और भीड़ के भीतर कुछ असामाजिक तत्व व्यवधान तथा तबाही का माहौल बना सकते थे. निचली अदालत ने 11 आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए एक आरोपी मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

जामिया नगर पुलिस थाना ने इमाम, तनहा, सफूरा जरगर, मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शहजर रजा खान, मोहम्मद अबुजर, मोहम्मद शोएब, उमैर अहमद, बिलाल नदीम, चंदा यादव और मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.

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