30 साल बाद महाराष्ट्र में विवादित ढांचे पर कोहराम, फडणवीस-राउत-उद्धव-पाटिल सब दे रहे बयान

महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा विवादित ढांचा ढहाए जाने में शिवसेना के एक भी कार्यकर्ता के शामिल नहीं होने का दावा करने के एक दिन बाद शिवेसना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को या तो अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगना चाहिए. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 11, 2023, 05:42 PM IST
  • महाराष्ट्र में बाबरी पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर.
  • शिवसेना-बीजेपी एक-दूसरे पर लगा रहे हैं आरोप.
30 साल बाद महाराष्ट्र में विवादित ढांचे पर कोहराम, फडणवीस-राउत-उद्धव-पाटिल सब दे रहे बयान

मुंबई. 6 दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में विवादित ढांचा गिराया गया था. लेकिन करीब तीस साल बाद अब महाराष्ट्र की राजनीति में 'विवादित ढांचे' के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है. महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा विवादित ढांचा ढहाए जाने में शिवसेना के एक भी कार्यकर्ता के शामिल नहीं होने का दावा करने के एक दिन बाद शिवेसना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को या तो अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगना चाहिए. 

'मस्जिद गिरायी जा रही थी तब चूहे अपने बिलों में छिपे थे'
ठाकरे ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब ढांचा गिराया जा रहा था तब चूहे अपने बिलों में छिपे थे. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी का हिंदुत्व ‘राष्ट्रवाद’ है और भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका हिंदुत्व क्या है? शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भी एक ट्वीट में पूछा कि क्या शिंदे पाटिल के दावे को स्वीकार करते हैं और यदि नहीं, तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

सीएम शिंदे पर साधा निशाना
उन्होंने जानना चाहा कि कौन से मंत्री पाटिल के दावे पर इस्तीफा देंगे? उन्होंने सवाल किया कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का अनुयायी होने का दावा करने वाले (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले) शिवसेना धड़े के 40 विधायक अब क्या करेंगे? बाल ठाकरे के पुत्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा,‘ जब ढांचा ढहाया जा रहा था तब सभी चूहे अपनी बिलों में छिपे थे.’ उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे को पाटिल के बयान को लेकर या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या पाटिल से इस्तीफा मांगना चाहिए.

राउत का ट्वीट
राउत ने ट्वीट में कहा, ‘ बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी होने का दावा कर रहे 40 विधायक अब क्या करेंगे? कल वे बालासाहेब के विरोधियों के साथ अयोध्या गये थे. उन लोगों के खिलाफ आवाज कौन उठायेगा जिन्होंने बालासाहेब का अपमान किया’ एकनाथ शिंदे सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता पाटिल ने सोमवार को कहा था कि जब छह दिसंबर, 1992 को बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा अयोध्या में ढांचा ढहाया जा रहा था तब शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता वहां मौजूद नहीं था. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्यसभा सदस्य संजय राउत अक्सर विवादित ढांचा ढहाए जाने की चर्चा करते रहते हैं लेकिन क्या वह उस समय अयोध्या में थे. पाटिल ने मुख्यमंत्री शिंदे पर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत चुराने के आरोप को लेकर उद्धव ठाकरे पर भी तंज किया. उन्होंने कहा ‘बालासाहेब सभी हिंदुओं के हैं और उनके नाम (विरासत) का उपयोग करने के लिए हर कोई स्वतंत्र है.’

फडणवीस ने भी दिया था बयान
दरअसल शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी पार्टी की भूमिका के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपने नेताओं से सवाल करना चाहिए. राउत का यह बयान भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की उस टिप्पणी पर पलटवार है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराए जाने के समय शिवसेना का कोई नेता मौजूद नहीं था.

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