नई दिल्ली: मजहब के नाम पर आतंक फैलाने वालों का असली चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया है. कहा जाता है कि जन्नत का दूसरा नाम कश्मीर है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में दहशतगर्दी के कारनामे से ये साबित हो गया कि आतंकियों को किसी मजहब की परवाह नहीं है. इसबार आतंकियों ने 6 प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया है.
मृतक मजदूरों का नाम
- कमालुद्दीन
- मुरसालिम
- रोफिक
- नोमुद्दीन
- रफीकुल
घायल मजदूर
- जोहिरुद्दीन बुरी तरह घायल है.
इन्होंने कश्मीर का रुख करने से पहले ये कभी नहीं सोचा होगा कि उनका इस दुनिया में आखिरी दौरा हो जाएगा. ममता सरकार के दुशासन से निजात पाने के लिए उन्होंने मुस्लिम बहुल कश्मीर में जाना मुनासिब समझा होगा. उन्हें भला क्या मालूम था, कि उनका ये फैसला उनके लिए मौत का जाल बुन रहा है. और उन्हें मौत के मुंह में ढकेल देगा.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से आतंकवादियों ने कायराना हरकत को अंजाम दिया है. मंगलवार को आतंकियों ने कुलगाम में 5 प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी. मारे गए सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले थे. और करीब एक महीने पहले ही वो कश्मीर में काम करने गए थे.
आंसुओं की कीमत चुकानी होगी
आतंकियों की इस करतूत से से हर हिंदुस्तानी के सीने में गुस्से की आग धधक रही है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक आतंकी हमले में एक अन्य मजदूर भी गंभीर रूप से जख्मी है. उधर, जैसे ही सभी मजदूरों के परिजनों को उनकी मौत की खबर मिली. पूरे गांव में मातम छा गया और चीख पुकार मच गई. जानकारी के अनुसार आतंकियों ने 6 मजदूरों को सामने खड़ा करके गोलियों से भून दिया. जिसके बाद उन्होंने सभी मजदूरों को मृत जानकर वहां से फरार हो गए. इस हमले में 5 मजदूरों की मौक पर ही मौत हो गई, जबकि 1 की हालत गंभीर है. वह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है. लेकिन पाकिस्तान को इन आंसुओं की कीमत हर हाल में चुकानी पड़ेगी.
मृतक मजदूर के परिजनों का दर्द
परिजनों के मुताबिक ये मजदूर करीब 25-26 दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर गए थे. उन्होंने बताया कि हम गरीब हैं, इसीलिए हमने सोचा कि काम के जरिए हमारा पेट भरेगा, लेकिन वो लोग वापस ही नहीं आए.
West Bengal: Adhir Ranjan Chowdhury, Congress leader in Lok Sabha meets families of 5 labours from Murshidabad, who were killed by terrorists in Kulgam (J&K), yesterday. pic.twitter.com/1CBls8mocz
— ANI (@ANI) October 30, 2019
आतंकियों ने इस कायराना हमले को उस दिन अंजाम दिया. जिस दिन यूरोपीय सांसदों का एक 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर है. उधर, मजदूरों की हत्या को लेकर भाजपा ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है. जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर को कब्रिस्तान बनाने की साजिश हो रही है. लेकिन पाकिस्तान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी मजदूरों की मौत पर दुख जताया है. ममता ने ट्वीट कर कहा कि 'कश्मीर में नृशंस हत्याओं पर गहरा दुख है. आतंकी हमले में मुर्शिदाबाद के 5 मजदूरों की जान चली गई है. दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी.'
We are shocked and deeply saddened at the brutal killings in Kashmir. Five workers from Murshidabad lost their lives. Words will not take away the grief of the families of the deceased. All help will be extended to the families in this tragic situation
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) October 29, 2019
जारी है दहशतगर्दी का नंगा नाच
आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और आतंकी बौखलाए हुए हैं. यही वजह है कि आतंकी ट्रक ड्राइवरों, कारोबारियों और दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को निशाना बना रहे हैं. इससे पहले भी आतंकियों ने एक गैर-कश्मीरी मजदूर की हत्या कर दी थी. पिछले 15 दिनों में आतंकवादियों ने 4 ट्रक ड्राइवरों, एक सेब कारोबारी और दूसरे राज्य से आए 6 मजदूरों को मौत के घाट उतार चुके हैं. सोमवार को ही आतंकवादियों ने अनंतनाग में एक ट्रक ड्राइवर की हत्या कर दी थी. जबकि उसी दिन आतंकवियों ने सोपोर में बस स्टैंड पर ग्रेनेड अटैक किया था जिसमें 1 आम नागरिक की मौत हुई थी और 19 लोग जख्मी हुए थे.
आतंकी हमले की इस वारदात के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकवादियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है. इसके अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि आतंकी हर हाल में 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश का नोटिफिकेशन जारी होने से पहले जम्मू-कश्मीर में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देना चाहते हैं.