अमरावतीः इस वक्त आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियों का मसला गर्म है और इसे लेकर मची रार सुर्खियों में है. लेकिन इसी बीच राज्य से बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है. हुआ यह है कि यहां हैरतअंगेज जमीन घोटाला हो गया है. सीआईडी ने इसका खुलासा किया है. जांच में सामने आया है कि करीब 800 गरीबों ने करोड़ों के प्लॉट खरीद लिए हैं.
Andhra Pradesh: State's Crime Investigation Department (CID) registers cases against former TDP ministers Prathipati Pulla Rao and P Narayana, & over 797 others for allegedly indulging in illegal land transactions in 5 mandals of the Amaravati capital region between 2014 & 2015.
— ANI (@ANI) January 23, 2020
यह जमीन घोटाला अमरावती में हुआ है. इसे तेदेपा ने अपने शासन के दौरान राजधानी प्रस्तावित किया था. जमीन खरीदने वाले सफेद राशन कार्ड (गरीबी रेखा से नीचे) धारक हैं.
खरीदारों की आय 5 हजार से भी कम
सीआईडी जांच में सामने आया है कि अमरावती में 220 करोड़ रुपये की लागत वाले प्लॉट के मालिकों की मासिक आय 5 हजार रुपये से भी कम है. अमरावती में 2014-2015 के दौरान यह प्लॉट खरीदे गए हैं. सीआईडी ने मामले में आगे की जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग और ईडी को पत्र लिखा है. सीआईडी ने कहा कि कई सारे भू-खरीदारों के पास पैन कार्ड भी नहीं था और न ही इनकम टैक्स चुकाने योग्य आय थी.
जगन मोहन सरकार ने लगाया था आरोप
जगन मोहन सरकार ने टीडीपी नेता नारा लोकेश, पी नारायण समेत कई लोगों पर गुंटूर में इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल होने का आरोप लगाया था. घोटाले की जांच करने वाली सब कमिटी का कहना था कि सभी नेताओं ने मिलकर गुंटूर में 4,070 एकड़ की जमीनें इनसाइडर ट्रेडिंग के तहत पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू के दिशा-निर्देशों में यह सब किया था.
2014 में तेलंगाना के आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद तत्कालीन टीडीपी सरकार ने घोषणा की थी कि अमरावती आंध्र प्रदेश की नई राजधानी होगी और विजयवाड़ा से सटे क्षेत्र में 33 हजार एकड़ जमीन खरीदी गई थी.
गुंटूर क्षेत्र के निवासी हैं खरीदार
2019 में वाईएसआर कांग्रेस की सरकार ने सत्ता में आने के बाद तीन अलग राजधानी बनाने का फैसला लिया गया. इसके तहत अमरावती में सिर्फ विधानसभा होगी जबकि सरकारी कार्यालय विशाखापट्टनम शिफ्ट किए जाएंगे. सीआईडी की जांच में सामने आया है कि सभी 767 लोग जिन्होंने कथित रूप से 761 एकड़ जमीन खरीदी, गुंटूर क्षेत्र के निवासी हैं. जांच में यह भी सामने आया है कि सबसे अधिक संख्या में संदेहास्पद लेन-देन थुल्लूरू मंडल में हुए जहां अमरावती को राजधानी बनाने की योजना बनाई गई थी.
Sunil Kumar, CID ADG: 797 white ration card holders purchased of 700 acres of land worth over Rs 200 crores. These persons declared their income as below Rs 5,000 per month, definitely these are dubious & suspicious transactions. About 500 of them do not even have a PAN card. https://t.co/cPbIwQg6Ke pic.twitter.com/IxD3RJY4dk
— ANI (@ANI) January 23, 2020
CID ने इस मामले में 797 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 2014 और 2015 के बीच अमरावती राजधानी क्षेत्र के 5 मंडलों में अवैध रूप से भूमि लेनदेन में लिप्त होने में इन लोगों के नाम आए हैं. इसमें टीडीपी के पूर्व मंत्री पृथ्वीपति पुल राव और पी नारायण भी शामिल हैं.
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