नई दिल्ली: सिंघू बॉर्डर पर आज 6 दिसंबर को मंगलवार को 12 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की बड़ी बैठक होने वाली है. बैठक से पहले किसान नेताओं ने कहा कि सरकार बातचीत को लेकर गंभीर नहीं है. 4 दिसंबर की बड़ी बैठक में इन किसान संगठनों ने पांच सदस्यों की कमेटी बनाई थी, जो सरकार से बातचीत के लिए अधिकृत है लेकिन पिछले दो दिनों में सरकार से बातचीत का न्योता नहीं मिला. 


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हालांकि एक तरफ जहां आज किसान संगठन आंदोलन को धार देने के लिए बड़ा ऐलान कर सकते हैं, वहीं आज ही सड़क खाली करने के मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई है.


जस की तस है स्थिति
दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा आज भी उसी मुहाने पर खड़ा है जहां 4 तारीख को खड़ा था, उस दिन बैठक में एलान किया गया था कि बाकी मांगों के लिए सरकार से बातचीत का इंतजार है.


ऐसे में सभी संगठनों ने निर्णय लिया है कि 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए जो MSP पर ठोस कानून, आंदोलन के दौरान किसानो पर दर्ज मुकदमे, मृत किसानों को मुआवजा, बिजली अधिनियम की वापसी जैसे मांगों पर सरकार से टेबल पर बातचीत करेगा. 


कौन-कौन है इस कमेटी में शामिल
इस कमेटी में बलवीर सिंह रजेवाल, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले, गुरनाम सिंह चढुनी और शिवकुमार कक्का को सदस्य बनाया गया था. किसान संगठनों ने सरकार को बातचीत के लिए 3 दिन का समय दिया था और उसी के आधार पर आज बैठक का एलान किया था. 


सरकार की ओर से हो चुकी है ये पहल
सरकार की ओर से बीते दिनों किसान नेताओं से संपर्क साधने की कोशिश की गई थी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कमेटी के सदस्य युद्धवीर सिंह और बलवीर सिंह रजेवाल से दूरभाष के जरिए संपर्क किया था, और किसानों के मामले पर सरकार की गंभीरता का ब्यौरा भी दिया था.

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शिवकुमार कक्का बोले, सरकार कमेटी से क्यों भाग रही है
किसानों द्वारा गठित 5 सदस्यीय  कमेटी के सदस्य शिवकुमार कक्का ने जी मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि "सरकार ने कहा कमेटी बनाओ, हमने वो भी बनाई लेकिन अभी तक उनका कोई रिस्पॉन्स नहीं आया है, हालांकि कमेटी के एक सदस्य की दूरभाष और व्यक्तिगत अनौपचारिक बातचीत हो रही है, हमने सरकार को मांगे बताई हैं.


उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री और गृह मंत्री से दूरभाष के जरिए बातचीत हो रही है. लेकिन सवाल है कि सरकार कमेटी से क्यों भाग रही है". 


आज की बैठक के मुख्य एजेंडे के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज की बैठक में सरकार के रवैए से बाकी किसान नेताओं को रूबरू कराएंगे और उनसे चर्चा के आधार पर निर्णय लेंगे. ऐसी स्थिति में आंदोलन खत्म होने करने की कोई गुंजाइश नहीं है इसलिए बैठक के बाद आज कोई बड़ा ऐलान होगा.


उन्होंने कहा कि सरकार को कमेटी की सूचना दे दी थी लेकिन अभी तक वार्ता के लिए सरकार ने कोई समय सीमा नहीं दिया है, इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार हमें हल्के में ले रही है, आज हम निर्णय लेंगे कि पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम जैसे संसद घेराव को कब से लागू किया जाए.


अहम सदस्य अशोक धावले भी बोले
कमेटी के दूसरे अहम सदस्य अशोक धावले ने कहा कि आज के बैठक में हम आंदोलन को धार देने और तेज करने पर चर्चा करेंगे, हमारी मांगों के लिए सरकार ने अभी तक हमसे संपर्क तक नहीं किया. 


उन्होंने कहा कि सरकार ने हमसे बातचीत करना जरूरी  नहीं समझा अब हमारे पास क्या विकल्प है, आंदोलन को आगे बड़ाने के लिए आज निर्णय लेंगे. दिल्ली घेरने और आंदोलन को गति देने पर आज SKM बैठक करेगा. 

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