नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. यादव ने रविवार को कहा कि सरकार के इशारे पर जानबूझकर आगजनी और हिंसा की गई ताकि जनता को डराया जा सके.


सरकार के इशारे पर हुई आगजनी


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मीडिया के सामने आकर अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने ज्यादती की. अखिलेश के मुताबिक पुलिस ने गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की. यह सब कुछ सरकार के इशारे पर हुआ.


CAA की आड़ में राजनीति चमकाने का सिलसिला चरम पर है. अखिलेश यादव भी नागरिकता कानून के नाम पर सियासत करने से बाज नहीं आए. अखिलेश का कहना है कि 'जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री बदला लेने की बात करता हो उस राज्य की पुलिस निष्पक्ष नहीं हो सकती. सरकार के इशारे पर पुलिस ने जानबूझकर आगजनी की ताकि जनता को डराया जा सके. यह लोकतंत्र में विश्वास ना करने वाली सरकार है.'



हिंसा में पार्टी की संलिप्तता के सवाल पर बिफर गए अखिलेश


जब मीडिया ने अखिलेश यादव से ये सवाल पूछा कि हिंसा भड़काने के मामले में सरकार ने सपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कार्रवाई की है, तो इसपर उन्होंने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं ने हर जगह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया. आपको याद दिला दें, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं पर जगह-जगह दंगा भड़काने का आरोप है. जिसके तहत सपा सांसद पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है.


सीएम योगी पर हमलावर हुए अखिलेश


हिंसा में हुई सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई दंगाइयों को चिह्नित कर उनकी संपत्ति कुर्क करके किए जाने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए सपा मुखिया ने कहा कि 'फिर तो 2007 के गोरखपुर दंगों में हुए नुकसान की भी भरपाई की जानी चाहिए. उन दंगों में योगी आदित्यनाथ आरोपी थे. जिनके घर शीशे के होते हैं वह दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं मारा करते.'


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अखिलेश यादव समेत सभी विपक्षी दल इस मुद्दे को सियासी रंग देने की कोशिश करने में जुटे हुए हैं. प्रदर्शन के नाम पर जगह-जगह आगजनी, बवाल और हिंसा भड़काई जा रही है. लेकिन सभी सियासतदान अपनी राजनीति चमका रहे हैं.


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