उदलगुड़ी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल की गुवाहाटी में एक रैली के दौरान उनकी टिप्पणियों को लेकर आलोचना की. उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख को ‘डरपोक’ बताते हुए कहा कि उनकी ‘वीरता’ विधानसभा के भीतर तक ही सीमित है.
शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उन्होंने दिल्ली विधानसभा में मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन मैं उन पर कार्रवाई नहीं कर सकता क्योंकि उन्हें नियमों के तहत संरक्षण प्राप्त है. मैंने उन्हें सदन के बाहर वही आरोप दोहराने की चुनौती दी थी और फिर मैं उन्हें अदालत में देखूंगा.’
मानहानि के मुकदमे की चेतावनी
उन्होंने कहा, ‘लेकिन यहां कुछ भी कहने की उनकी (केजरीवाल) हिम्मत नहीं हुई. उन्होंने बहुत ‘अनाप-शनाप’ बोला, लेकिन मेरे खिलाफ आरोपों पर कुछ नहीं कहा. असम के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि यदि केजरीवाल ने विधानसभा के बाहर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाये तो वह‘आप’प्रमुख के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे. शर्मा ने कहा, ,'केजरीवाल की वीरता विधानसभा के भीतर ही सीमित है क्योंकि उन्हें वहां विशेषाधिकार प्राप्त हैं.’
दिल्ली विधानसभा में सीएम केजरीवाल ने लगाए थे आरोप
दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते बुधवार को आरोप लगाया था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशाालय (ईडी) के छापों ने सभी भ्रष्ट लोगों को‘एक पार्टी’ में ला दिया है और जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का शासन खत्म होगा तब देश भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा.
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह बात कही थी. सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी ने देश में लोकतंत्र को रौंदने का कोई मौका नहीं छोड़ा, यह प्रस्ताव केजरीवाल ने ही पेश किया था. उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के विधायकों को सीबीआई और ईडी के छापे मारने की धमकी दी गई और 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई.
(एजेंसी: भाषा)
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