भगवान कृष्ण की शादी पर टिप्पणी से विवादों में असम कांग्रेस अध्यक्ष, मांगनी पड़ी सार्वजनिक माफी

कांग्रेस नेता ने लव-जिहाद का जिक्र करते हुए टिप्पणी की थी कि भगवान कृष्ण की रुक्मिणी से शादी को भी इस शब्द के उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने यह टिप्पणी उनके और मुख्यमंत्री के बीच हुई जुबानी जंग के दौरान की थी. अब बोरा ने माफी मांगी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 28, 2023, 08:12 PM IST
  • भगवान कृष्ण की शादी पर की थी विवादित टिप्पणी.
  • बोले- मेरे पूर्वजों ने सपने में गलती के बारे में बताया.
भगवान कृष्ण की शादी पर टिप्पणी से विवादों में असम कांग्रेस अध्यक्ष, मांगनी पड़ी सार्वजनिक माफी

गुवाहाटी. असम के गोलाघाट में तिहरे हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ जुबानी जंग के बीच राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने शुक्रवार को भगवान कृष्ण के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी पर माफी मांगी. कांग्रेस नेता ने लव-जिहाद का जिक्र करते हुए टिप्पणी की थी कि भगवान कृष्ण की रुक्मिणी से शादी को भी इस शब्द के उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने यह टिप्पणी उनके और मुख्यमंत्री के बीच हुई जुबानी जंग के दौरान की थी. अब बोरा ने माफी मांगी है.

सीएम बोले- अगर एफआईआर दर्ज हुई तो गिरफ्तारी होगी
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर भगवान कृष्ण के संबंध में विवादास्पद बयान देने के लिए भूपेन बोरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, तो उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.' अब संवाददाताओं से बात करते हुए बोरा ने कहा- कल रात, मेरे पूर्वज मेरे सपने में आए और टिप्पणियों के संबंध में मेरी त्रुटि देखने में मेरी मदद की. मुझे नामघर (पारंपरिक असमिया मंदिर) जाकर प्रार्थना करने का निर्देश दिया गया. हिमंत बिस्वा सरमा मेरे लिए कोई खतरा नहीं हैं. मेरी एकमात्र चिंता यह है कि मेरी टिप्पणी को हो सकता है कि वैष्णव समुदाय द्वारा इसे अच्छी तरह से स्वीकार नहीं किया गया हो.'

'मुझे मंदिर में जाने दें'
उन्होंने कहा- 'मुख्यमंत्री ने मेरी गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया था. मुझे एक 'सत्राधिकार' (एकसारना वैष्णव परंपरा से जुड़े एक धार्मिक संगठन के प्रमुख) द्वारा नामघरों में जाने से रोकने का निर्देश दिया गया था. मैं उनसे विनती करता हूं कि वे मुझे नामघरों में जाने से न रोकें. इसके बजाय, पुलिस एनकाउंटर में मुझे गोली मार दो.'

राजनीति मेरी अंतिम पारी नहीं
बोरा ने कहा कि वह 'मेरे गृहनगर में एक शानदार नामघर का निर्माण कर रहे हैं. मैं राजनीति में अपने कार्यकाल के बाद वहां प्रचार करूंगा. चूंकि राजनीति मेरी अंतिम पारी नहीं है, इसलिए ग्रामीणों के साथ मेरी यही एकमात्र शर्त है. मेरी अंतरात्मा ने मुझे जागरूक कर दिया है. मुझे पता है कि भाजपा और आरएसएस इस विषय को जाने नहीं देंगे, लेकिन मैं लोगों से आग्रह करूंगा कि वे क्षुद्र राजनीति का शिकार न हों और इन सब से ऊपर उठें.'

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