अयोध्या भूमि खरीद प्रकरण: जानें अयोध्या के डीएम रहे अनुज झा अपनी सफाई में क्या बोले

अनुज कुमार झा ने बयान जारी करते हुए कहा है, मैंने आवासीय दृष्टि से जमीन खरीदी है. जो पूरी तरीके से नियम और कानून के दायरे में है.

Written by - Tushar Srivastava | Last Updated : Dec 25, 2021, 12:34 PM IST
  • आरोप है कि जमीन खरीदी के लिए होड़ मच गई थी
  • खरीदारों में विधायक, महापौर कई अधिकारी शामिल
अयोध्या भूमि खरीद प्रकरण: जानें अयोध्या के डीएम रहे अनुज झा अपनी सफाई में क्या बोले

लखनऊ: अयोध्या में भूमि खरीद प्रकरण में अयोध्या के जिलाधिकारी रहे अनुज कुमार झा ने दी सफाई है. उन्होंने कहा है कि उन्होंने किसी ट्रस्ट से न जमीन खरीदी है और न बेची है. अनुज कुमार झा ने बयान जारी करते हुए कहा है, मैंने आवासीय दृष्टि से जमीन खरीदी है. जो पूरी तरीके से नियम और कानून के दायरे में है. साथ ही यह भी कहा कि कुछ समाचार पत्रों और चैनलों की ओर से रिपोर्ट चलाई जा रहा है कि यह जमीन दलित की है लेकिन यह पूरी तरीके से झूठ है. न मैंने जमीन दलित से, न ट्रस्ट से खरीदी.

आरोप है कि अयोध्या के कमिश्नर, डीआईजी, एडीएम और कानूनगो सहित अयोध्या के मेयर व विधायक सहित 12 से ज्यादा लोगों ने अयोध्या राम मंदिर पर फैसला आने के बाद खरीदा है. इसे लेकर लगातार अधिकारियों और सरकार पर सवाल खड़े हो रहे थे. लेकिन अनुज ने अपना बयान जारी करते हुए अपना पक्ष रखा है. हालांकि अनुज के पिता को भी विशेष सचिव के सामने भी पूरी बात बतानी होगी. 

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क्या है आरोप
आपको बता दें कि इसी हफ्ते आई एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में तैनात तमाम छोटे-बड़े अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और उनके पार्टनर्स के नाम पर यहां जमीनें खरीदी. जमीन खरीदारों में स्थानीय विधायक, महापौर और राज्य ओबीसी आयोग के एक सदस्य शामिल हैं. इनके अलावा आरोप है कि कमिश्नर, उप-मंडल मजिस्ट्रेट, पुलिस उप महानिरीक्षक, सीओ, राज्य सूचना आयुक्त ने रिश्तेदारों के नाम पर जमीनें खरीदी हैं.

बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर स्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में जमीन खरीदी. फरवरी 2020 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन होने के बाद ट्रस्ट ने करीब 70 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया. इसके बाद यहां जमीन खरीदी के लिए होड़ मच गई थी. हालांकि इसके बाद 23 दिसंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद राजस्व विभाग के विशेष सचिव पूरे मामले की जांच कर 5 दिन के अंदर रिपोर्ट शासन को सौपेंगे.

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