नई दिल्ली: बाबा केदारनाथ के दर्शन करने का भक्तों का इंतजार अब खत्म हो चुका है. शुक्रवार की सुबह साढ़े 6 बजे बाबा केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. कपाट खुलते ही देश और विदेश से आए श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर पाएंगे. हर तरफ हर-हर महादेव गूंज रहा है. हर कोई बम-बम भोले बोल रहा है. हर कोई बाबा केदारनाथ के दर्शन सबसे पहले करना चाहता है. सबसे पहले केदारनाथ धाम पहुंचना चाहता है.
2 साल बाद श्रद्धालुओं के लिये खुले केदारनाथ के कपाट
ये मौका इसलिये खास है, क्योंकि भोलेनाथ के भक्त कोरोना की वजह से पिछले 2 साल से केदारनाथ में दर्शन नहीं कर पाए थे. इसीलिये केदारनाथ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.
वहीं मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. इससे पहले बाबा केदार की पंचमुखी डोली ने भी श्रद्धालुओं के साथ गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का सफर किया. टोली केदारनाथ पहुंची चुकी है. बाबा केदार के भक्त भी अलग अंदाज में दिख रहे हैं. भले ही उन्हें पैदल लंबा सफर तय करना पड़ रहा हो, लेकिन उनमें थकान नहीं दिख रही है. क्योंकि बाबा केदारनाथ का दर्शन करने के लिए बेचैन भक्तों का इंतजार खत्म हो गया और कपाट खुल गया है.
#WATCH | The doors of Kedarnath Dham opened for devotees. Kedarnath's Rawal Bhimashankar Linga opened the doors of Baba Kedar. On the occasion of the opening of the doors thousands of devotees were present in the Dham. pic.twitter.com/NWS4jtGstb
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 6, 2022
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुले. इसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी हिस्सा लिया. केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद रहे. बाबा केदार की भक्ति ऐसी कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का 21 किलोमीटर का पैदल सफर भी भक्तों को ज्यादा नहीं लग रहा. कोरोना की वजह से दो साल बाद बाबा केदार के दर्शन करने का मौका भला कोई कैसे छोड़े.
मराठा ब्रिगेड के जवानों ने खास बैंड बजाकर किया स्वागत
बाबा केदार के दरबार के कपाट खुलने का इंतजार खत्म हो गया है. गीत और संगीत की सुरीली धुन से केदारनाथ धाम सराबोर है. बाबा केदार की डोली भी उखीमठ से केदारनाथ पहुंची और इस डोली के साथ बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु केदारनाथ में डेरा डाले दिखे. जब डोली केदारनाथ पहुंची तो सेना की मराठा ब्रिगेड के जवानों ने खास बैंड बजाकर स्वागत किया. डोली को मुख्य पुजारी के कक्ष में रखा गया और मंदिर के कपाट खुलते समय इसे मंदिर में स्थापित कर दिया गया.
ऐसी मान्यता है कि कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदार समाधि से जागते हैं. इसके बाद वो अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. हर श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन अच्छी तरह से कर सकें, इसके लिये हर इंतजाम को चुस्त दुरुस्त बनाने की कोशिश की गई है.
होटलों में कम पड़े कमरे, यात्रा के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन
यदि आप भी बाबा केदारनाथ के दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. केदारनाथ धाम में होटलों में कमरे कम पड़ गए हैं. एक-एक कमरे का रेट लगातार बढ़ रहा है. रात गुजारने के लिए टेंट भी नहीं मिल रहे हैं. सिर छिपाने के लिए शेड तक नहीं हैं और लोग भारी ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं. खाने-पीने की भी भारी दिक्कत देखी जा रही है.
बाबा केदार अपने भक्तों को अलग-अलग रंगों में दर्शन देते है. सूर्य उदय से पहले, सूर्योदय के बाद, दोपहर और शाम के वक्त केदारनाथ धाम में प्रकृति अपना रंग बदलती रहती है. इसे भी श्रद्धालु बाबा केदार का आशीर्वाद ही मानते हैं. दो साल कोरोना महामारी की वजह से केदारनाथ यात्रा पर असर पड़ गया था, लेकिन इस बार हर विधि-विधान दिख रहा है. श्रद्धालुओं की भीड़ और उनका जोश देखकर उम्मीद की जा रही है कि इस बार की केदारनाथ यात्रा पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ देगी.
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