Bharat Bandh: भारत बंद आज, स्कूल कॉलेज और बाजार से लेकर क्या बंद और खुला रहेगा, जानें अपडेट

Bharat Bandh: सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले पर SC/ST संगठनों ने विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है. उनके मुताबिक यह फैसला ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में 9 न्यायाधीशों की पीठ के पहले वाले  फैसले को कमजोर करता है.

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Aug 21, 2024, 07:57 AM IST
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हो रहा विरोध
  • भारत बंद में खुली रहेंगी कुछ सुविधाएं
Bharat Bandh: भारत बंद आज, स्कूल कॉलेज और बाजार से लेकर क्या बंद और खुला रहेगा, जानें अपडेट

नई दिल्ली: Bharat Bandh: दलित और आदिवासी संगठनों ने अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में 'क्रीमीलेयर' पर सुप्रीम कोर्ट की 7 न्यायाधीशों की पीठ की ओर से सुनाए गए फैसले के खिलाफ आज 21 अगस्त 2024 को भारत बंद का ऐलान किया है. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (NCODAOR) ने मांगों की एक सूची जारी कर SC/ST और OBC के लिए न्याय और समानता की मांग की है. चलिए जानते हैं कि भारत बंद के ऐलान के बाद देशभर में आज क्या-क्या बंद रहेगा और क्या खुला रहेगा. 

क्या-क्या बंद रहेगा? 
भले ही SC/ST कोटे को लेकर भारत बंद के ऐलान पर फिलहाल अभी तक किसी भी राज्य सरकार की ओर से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इसका असर देखने को मिल सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विरोध प्रदर्शन आयोजित करने वाले समूहों ने सभी व्यापारिक संगठनों से आग्रह किया है कि वे बाजार बंद रखें, हालांकि बाजार समितियों से इसकी पुष्टि नहीं होने पर ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि बाजार बंद रहेंगे या नहीं. वहीं कुछ जगहों पर निजी दफ्तर बंद हो सकते हैं और यहां तक की सार्वजनिक परिवहर सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं. वहीं आम लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घर से बाहर न निकलें. 

क्या-क्या खुला रहेगा? 
माडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत बंद के आह्वान के बावजूद बैंक, स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पंप और सरकारी कार्यालय चालू रहेंगे. वहीं पेयजल,रेल सेवाएं, अस्पताल और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं खुली रहेंगी. बैंक दफ्तर और सरकारी ऑफिस को बंद रखने को लेकर सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं आया है. ऐसे में ये खुले रह सकते हैं.  

क्या है भारत बंद का कारण? 
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले पर SC/ST संगठनों ने विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है. उनके मुताबिक यह फैसला ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में 9 न्यायाधीशों की पीठ के पहले वाले  फैसले को कमजोर करता है. इस फैसले ने भारत में आरक्षण के लिए रूपरेखा स्थापित की थी. NCODAOR की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट इस फैसले पर दोबारा विचार करे या इसे वापस ले.   

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