नई दिल्ली: भारत ने रक्षा उपकरण निर्माण में इस्तेमाल होने वाले 2,851 कंपोनेंट्स का आयात रोक दिया है. रक्षा उपकरणों के संबंध में भारत सरकार का ये बड़ा निर्णय है.
जानकारी के मुताबिक केंद्र के इस फैसले से हर साल लगभग 3,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होगी.
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत फैसला
रक्षा निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने तथा रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSU) द्वारा आयात में कमी लाने के प्रयासों के हिस्से के रूप में रक्षा उत्पादन विभाग ने उप-प्रणालियों, संयोजनों, उप-संयोजनों और घटकों की निर्णायक स्वदेशीकरण सूची अधिसूचित की है.
कई रक्षा उपकरणों का स्वदेशीकरण
मंत्रालय ने कहा कि सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची को रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय ने रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने और आयात को कम करने के प्रयासों के तहत अधिसूचित किया है.
इस सूची में 2,500 आयातित आइटम शामिल हैं जिनका पहले ही स्वदेशीकरण किया जा चुका है और 351 आयातित आइटम जिन्हें अगले तीन वर्षों में स्वदेशी बनाया जाएगा. ये आइटम केवल भारतीय उद्योग से ही खरीदे जाएंगे.
रक्षा मंत्रालय ने कहा, यह आत्मनिर्भर पहल हर साल लगभग 3,000 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा की बचत करेगी.
इससे पहले, रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए सैन्य मामलों के विभाग द्वारा हथियारों, प्लेटफार्मों, प्रणालियों और गोला-बारूद की दो स्वदेशीकरण सूचियों को अधिसूचित किया गया था.
अपनी सुरक्षा के लिए भारत दूसरों पर निर्भर नहीं रहेगा- राजनाथ
इस महीने की शुरुआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा में 'आत्मनिर्भर भारत' का लक्ष्य हासिल करने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत अपने कद, भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ सुरक्षा चुनौतियों के कारण रक्षा प्रौद्योगिकियों के लिए अन्य देशों पर निर्भर नहीं हो सकता. राजनाथ सिंह नई दिल्ली में 'इंडिया बियॉन्ड 75' विषय पर फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की 94वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित कर रहे थे.
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उन्होंने आने वाले समय में भारत को एक वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सरकार के दृष्टिकोण को आवाज दी थी, इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग बनाना है जो देश को पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरे से बचाने में मदद कर सके.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का उद्देश्य किसी पर हमला करना नहीं है, बल्कि देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपने सशस्त्र बलों को हर समय तैयार रहने के लिए तैयार करना है.
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