रायपुर: छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर आई है. सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने कथित पवित्र धार्मिक स्थल के करीब अपने कुछ शिविरों का निर्माण किया है जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इन ग्रामीणों का कहना है कि इससे उन स्थानों की पवित्रता भंग होगी जहां पर शिविर बनाये गए हैं.
विरोध में 46 सरपंचों ने दिया इस्तीफा
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में उग्रवाद और नक्सलवाद प्रभावित कांकेर जिले में पंचायत निकायों के 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने स्थानीय लोगों के पवित्र स्थल पर सीमा सुरक्षा बल की दो चौकियां बनाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है. इनमें करीब 46 ग्राम पंचायत प्रमुख हैं. एक अधिकारी ने बताया कि शिविरों का गठन काटगांव एवं कामतेदा गांवों में किया गया है जो यहां से करीब 127 किलोमीटर दूर हैं और यह परतापुर-कोयलीबेडा मार्ग पर स्थित है.
अवैध जमीन अधिग्रहण करना ठीक नहीं- नाराज सरपंच
नाराज सरपंचों की ओर से कहा गया है कि शनिवार को कम से कम 46 सरपंच, सात जनपद पंचायत सदस्य, एक उप सरपंच और एक जिला पंचायत सदस्य ने अपना इस्तीफा सौंपा है. इन लोगों ने कहा कि हम बीएसएफ के शिविरों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हम जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हैं जहां हम कई वर्षों से धार्मिक क्रियाएं करते आ रहे हैं. उन्होंने एक पेड़ भी काट दिया जिसकी हम पूजा करते थे और यह हमारे देवी-देवताओं का अपमान है.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने कहा कि बस्तर में हाल में बनाए गए 16 शिविरों में ये दोनों शिवर शामिल हैं और इन शिविरों के कारण नक्सलियों को परेशानी हो रही है जो लोगों को सुरक्षा बलों की मौजूदगी का विरोध करने के लिए बाध्य कर रहे हैं. कांकेर के जिलाधिकारी चंदन कुमार ने कहा कि जल्द ही मुद्दे का समाधान हो जाएगा और दावा किया कि प्रथम दृष्ट्या प्रतीत होता है कि ग्रामीण हिंसक ताकतों के दबाव में विरोध कर रहे हैं.
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