नई दिल्ली. मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. इस बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम एंटरप्राइजेज (MSME) के लिए मंगलवार को पेश किया गया बजट काफी खास रहा. सरकार द्वारा MSME को दिए पैकेज में फाइनेंसिंग, रेगुलेटरी बदलावों और टेक्नोलॉजी सपोर्ट की बात कही गई, जिससे आसानी से देश के छोटे उद्योग आगे बढ़ पाएं और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें.
क्रेडिट गारंटी कार्ड स्कीम
बजट में बताया कि अब क्रेडिट गारंटी स्कीम के अंतर्गत MSME को मशीन और उपकरण खरीदने के लिए बिना कुछ गिरवी रखे या किसी तीसरी पार्टी की गारंटी के बिना आसानी से टर्म लोन मिल पाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से बताते हुए कहा कि सेल्फ-फाइनेंसिंग गारंटी फंड बनाया जाएगा. इसमें 100 करोड़ रुपये तक की गारंटी कवर होगी.
अपफ्रंट फीस का प्रावधान
लोन लेने वाले MSME को एक अपफ्रंट फीस चुकानी होगी और हर साल घटती हुई लोन राशि पर वार्षिक गारंटी फीस देनी होगी. बजट का स्पेशल फोकस MSME और मैन्युफैक्चरिंग विशेषकर अधिक श्रम की खपत वाली मैन्युफैक्चरिंग पर है. निर्मला सीतारमण ने सरकारी क्षेत्र के बैंकों को एमएसएमई को लोन देने के लिए असेसमेंट के लिए इन-हाउस कैपेबिलिटी विकसित करने का प्रस्ताव रखा है. कठिन समय में एमएसएमई की बैंक क्रेडिट की सुविधा जारी रखने के लिए नया ढांचा विकसित करने का प्रस्ताव दिया गया है.
मुद्रा लोन में तरुण कैटेगरी
इसके अलावा मुद्रा लोन के तहत 'तरुण' कैटेगरी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है. MSME के व्यापारिक प्राप्तियां को कैश में बदलने के लिए 'टीआरईडीएस' प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग लिमिट को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव इस बजट में रखा गया है. सिडबी MSME तक पहुंच बढ़ाने के लिए नई ब्रांच खोलेगा. 24 नई ब्रांच इस वर्ष खोली जाएगी.
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