सिद्धार्थनगर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य से इंसेफेलाइटिस का पूरी तरह से खात्मा हो जाने का दावा किया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में ऐसे किसी भी संचारी रोग को टिकने नहीं देगी. योगी ने लखनफ में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में संक्रामक बीमारियों की प्रभावी रोकथाम के लिये पिछले पांच वर्षों के दौरान जो प्रयास हुए हैं उनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं, लेकिन अभी इस प्रयास को और आगे बढ़ाने की जरूरत है.
हर साल होती थी हजारों मौतें
सीएम योगी इंसेफलाइटिस यानी मस्तिष्क ज्वर का जिक्र करते हुए कहा कि इंसेफेलाइटिस इस क्षेत्र का एक अभिशाप हुआ करता था. आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मस्तिष्क ज्वर के कारण वर्ष 1977 से लेकर 2017 तक हर वर्ष मौत का एक लंबा सिलसिला चलता रहा और केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश में हर साल इस बीमारी से दो-तीन हजार मौतें होती थीं.
पांच साल में जीती जंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने मस्तिष्क ज्वर के खिलाफ कमर कसी और स्वच्छ भारत मिशन तथा अन्य अनेक अभियानों के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर काम शुरू किया. जो लोग 40 वर्षों में सिर्फ आश्वासन देते थे और कुछ नहीं कर पाए, हमने चार से पांच वर्षों में इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त करने में सफलता प्राप्त की है.''
मुख्यमंत्री ने कहा ''हमारे पूर्वज एक बात कहते थे कि रोग के उपचार से महत्वपूर्ण उसका बचाव है. यह जागरूकता का कार्यक्रम जो अभी प्रारंभ हो रहा है यह उसी बचाव के लिए हम सब को तैयार करने का एक माध्यम है.’’ उन्होंने कहा कि अगर आप इसके साथ जुड़ेंगे तो चाहे वह मस्तिष्क ज्वर हो डेंगू, चिकनगुनिया या कालाजार हो, इन सब का समाधान होगा.
फाइलेरिया और ट्यूबरक्लोसिस के खात्मे का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि न सिर्फ फाइलेरिया बल्कि ट्यूबरक्लोसिस को भी पूरी तरह समाप्त करने का एक संकल्प लिया गया है कि इस प्रकार की बीमारियों को हम कहीं भी उत्तर प्रदेश की धरती पर टिकने नहीं देंगे. उन्होंने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब स्वास्थ्य की बात होगी तो पांच वर्षों में सर्वाधिक मेडिकल कॉलेज बनाने का रिकॉर्ड भी उत्तर प्रदेश के पास है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने श्री माधव प्रसाद त्रिपाठी की स्मृति में महात्मा बुद्ध की पावन धरा सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज के निर्माण का काम भी पूरा कर दिया है और पहले सत्र के छात्र-छात्राएं यहां पर दाखिला ले चुके हैं. उन्होंने कहा कि अगले एक वर्ष के अंदर 17 से 18 नये मेडिकल कॉलेज शुरू किये जाएंगे, ताकि प्रदेश में लोगों को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.'
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