Atal Bihari Vajpayee Sewri-Nhava Sheva Atal Setu: अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु, जिसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के नाम से जाना जाता है, वह नवी मुंबई में उल्वे की ओर जाने वाले तारकोल से बने इसके निकास द्वार पर दरारें आने के बाद जांच के दायरे में आ गया है. देश का सबसे लंबा समुद्री पुल अटल सेतु का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच महीने पहले ही किया था.
नए उद्घाटन किए गए पुल पर दरारें आने से विवाद और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने दरारों का निरीक्षण करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई.
पटोले ने जोर देकर कहा, 'मैं आपको यह दिखाने आया हूं कि हम जो कह रहे हैं वह सिर्फ आरोप नहीं है. सरकार यह दिखावा कर रही है कि वह लोगों के लिए काम कर रही है, लेकिन आप यहां भ्रष्टाचार देख सकते हैं. वे अपनी जेबें भर रहे हैं, लेकिन उन्हें लोगों की जान जोखिम में डालने का अधिकार किसने दिया? लोगों को योजना बनानी चाहिए कि इस भ्रष्ट सरकार को कैसे हटाया जाए.'
करोड़ों रुपये से बनाया गया
लगभग 17,840 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, MTHL का उद्घाटन इस वर्ष जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में नामित यह पुल एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है जिसका उद्देश्य मुंबई और नवी मुंबई के बीच संपर्क बढ़ाना और यात्रा के समय को कम करना है.
पटोले ने कहा, 'इस पुल का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है और हम सभी उनका सम्मान करते हैं. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुल का नाम उनके नाम पर होने के बावजूद यहां भ्रष्टाचार किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी को इस सब पर ध्यान देना चाहिए.' बता दें कि तारकोल की सड़क के एक तरफ दिख रही दरारों ने निर्माण की गुणवत्ता और परियोजना की ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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