नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 'नेशनल हेराल्ड' से जुड़े कथित धनशोधन मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए और जांच एजेंसी द्वारा उनसे आज की पूछताछ पूरी हो गई है. पहले राउंड में राहुल से करीब 3 घंटे तक पूछताछ हुई. अधिकारियों ने बताया कि राहुल गांधी सुबह करीब 11.10 बजे एपेजी अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी के मुख्यालय पहुंचे.
नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी लंक ब्रेक के बाद फिर ED दफ़्तर पहुंचे. पहले राउंड में 3 घंटे की पूछताछ के बाद फिर सवालों का सामना होगा. सूत्रों के मुताबिक राहुल से 12-15 सवाल पूछे जा रहे हैं. राहुल को लिखित में देने के लिए कहा गया है.
Congress leader Rahul Gandhi leaves from the Enforcement Directorate office in Delhi after appearing in the National Herald case pic.twitter.com/8CdbXho6Id
— ANI (@ANI) June 13, 2022
राहुल के साथ मौजूद थे कांग्रेस के कई दिग्गज
राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से ईडी दफ्तर पहुंचे. इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया.
Delhi | Congress leader Rahul Gandhi arrives at the office of the Enforcement Directorate to appear in the National Herald case https://t.co/Sq0kJwL7DA
— ANI (@ANI) June 13, 2022
राहुल के वकील पूछताछ में मौजूद नहीं
जानकारी के अनुसार राहुल के वकील पूछताछ में मौजूद नहीं थे, राहुल गांधी को लिखकर जवाब देने के लिए कहा गया था. असिस्टेंट डायरेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी उनसे पूछताछ किया.
राहुल गांधी का काफिला जब ईडी मुख्यालय पहुंचा तो गाड़ी में उनके बगल में प्रियंका गांधी भी बैठी हुईं थीं. एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज किया.
'ईडी की पूछताछ जांच का एक हिस्सा है'
अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है ताकि 'यंग इंडियन' और 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेनदेन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके. 'यंग इंडियन' के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं.
राहुल गांधी से 'यंग इंडिया' की स्थापना, 'नेशनल हेराल्ड' के संचालन और धन के कथित हस्तांतरण को लेकर सवाल किए जा सकते हैं. कांग्रेस ने राहुल गांधी की पेशी के मद्देनजर देश भर में ईडी कार्यालयों के बाहर 'सत्याग्रह' का फैसला किया था और दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी.
पार्टी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लागू
कांग्रेस के यहां प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पार्टी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा दी.
मुख्य विपक्षी दल के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ईडी को भाजपा का 'इलेक्शन मैनेजमेंट डिमार्टमेंट' करार दिया और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के 'सत्याग्रह' को रोकने के लिए नई दिल्ली के इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया है.
सड़कों पर उतर आए कांग्रेस के कार्यकर्ता
नेशनल हेराल्ड' से जुड़े कथित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में सोमवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी में पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. यहां अशोक मार्ग इलाके में स्थित ईडी कार्यालय के पास पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
इस बीच, उप्र कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने एक बयान में कहा कि 'भाजपा दमनकारी नीति अपनाकर आम लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है.' उप्र कांग्रेस महासचिव शरद मिश्रा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे. कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि उप्र विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीमुददीन को नजरबंद कर दिया गया है.
राहुल गांधी को दो जून को पेश होना था
ईडी ने इससे पहले राहुल गांधी को दो जून को पेश होने के लिये कहा था, लेकिन उन्होंने पेश होने के लिए कोई दूसरी तारीख देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह देश से बाहर हैं. जांच एजेंसी ने इसी मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को तलब किया है.
पहले उन्हें आठ जून को पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष ने पेश होने के लिए और समय मांगा था क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं तथा अब तक स्वस्थ नहीं हुई हैं. कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है.
कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह एवं उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, 'कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता. इसलिए, 'यंग इंडियन' के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को 'नेशनल हेराल्ड' एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिए गए, ताकि 90 करोड़ रुपये का कर्ज खत्म हो सके.'
उन्होंने कहा, 'इस 90 करोड़ रुपये में से 67 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन एवं वीआरएस के लिए दिए गए तथा बाकी सरकार का बकाया, बिजली के बिल तथा भवन के लिए भुगतान हुआ. यह अपराध कैसे हो सकता है? यह तो कर्तव्य का बोध है. हमने मोदी सरकार की तरह देश की संपत्ति अपने उद्योगपति मित्रों को नहीं बेच डाली.'
सुरजेवाला के अनुसार, 'नेशनल हेराल्ड' के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास आज भी सारी संपत्ति हूबहू सुरक्षित है.
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