दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने JNU प्रशासन को आदेश दिया है कि जिन छात्रों ने यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनका पुरानी रेट पर ही रजिस्ट्रेशन कराया जाए. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि रजिस्ट्रेशन के समय में लेट फीस नहीं ली जाएगी.
1200 छात्रों ने अभी तक नहीं कराया रजिस्ट्रेशन
Plea of JNUSU challenging IHA decision amending the hostel manual: The next date of hearing is 28th February. https://t.co/CvcIDLy9Lf
— ANI (@ANI) January 24, 2020
आपको बता दें कि 1200 छात्रों ने अभी तक JNU में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में एमएचआरडी और यूजीसी (UGC) को भी पार्टी बनाया जाए. अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी. जेएनयू छात्र संगठन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि फीस में बढ़ोतरी गैर कानूनी है. इसके साथ बताया गया कि जेएनयू की हाई लेवल कमेटी को होस्टल मैनुअल में बदलाव का अधिकार नहीं था.
अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी
अदालत ने कहा कि अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी. इससे पहले अदालत में जेएनयू छात्र संगठन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि फीस में बढ़ोतरी गैर कानूनी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जेएनयू की हाई लेवल कमेटी को होस्टल मैनुअल में बदलाव का अधिकार नहीं था.
छात्र संघ ने हॉस्टल मैनुअल को दी थी चुनौती
उल्लेखनीय है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने पिछले दिनों इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन के हॉस्टल मैनुअल में संशोधन करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. छात्रों ने फीस बढ़ोतरी सहित हॉस्टल मैनुअल में संशोधन के खिलाफ सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया का भी बहिष्कार किया था. साथ ही आपको बता दें कि जेएनयू में छात्रों की संख्या 8,500 है, जिसमें 82 फीसदी छात्रों ने हॉस्टल की बकाया राशि भी चुका दी है. कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने बीते दिनों इन छात्रों के रजिस्ट्रेशन करा लेने की जानकारी दी थी.
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