दिल्ली सरकार के अधिकार से जुड़े बिल को लेकर बीजेपी का क्या है प्लान, AAP के लिए क्यों मुश्किल

लोकसभा में भाजपा के अपने 301 सांसद हैं और इस वजह से वहां सरकार को किसी भी विधेयक को पारित करवाने में कोई दिक्कत नहीं होती है. लेकिन, उच्च सदन राज्यसभा में एनडीए गठबंधन के सांसदों को शामिल कर लेने के बावजूद भी एनडीए गठबंधन बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे रह जाता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 1, 2023, 09:10 PM IST
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दिल्ली सरकार के अधिकार से जुड़े बिल को लेकर बीजेपी का क्या है प्लान, AAP के लिए क्यों मुश्किल

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के तमाम दावों के विपरीत भाजपा ने उच्च सदन राज्यसभा में भी दिल्ली सरकार के अधिकारों एवं सेवा से जुड़े विधेयक 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023' को पारित करवाने के लिए बहुमत का जुगाड़ कर लिया है. सरकार के रणनीतिकारों का यह स्पष्ट मानना है कि लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी दिल्ली सरकार के अधिकारों एवं सहयोग से जुड़े विधेयक को पारित करवाने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि उच्च सदन में भी बहुमत का आंकड़ा बिल के साथ है.

राज्यसभा में ये है बीजेपी का प्लान
दरअसल, लोकसभा में भाजपा के अपने 301 सांसद हैं और इस वजह से वहां सरकार को किसी भी विधेयक को पारित करवाने में कोई दिक्कत नहीं होती है. लेकिन, उच्च सदन राज्यसभा में एनडीए गठबंधन के सांसदों को शामिल कर लेने के बावजूद भी एनडीए गठबंधन बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे रह जाता है.
इसी आधार पर आम आदमी पार्टी और विपक्षी गठबंधन में शामिल दल दावा कर रहे हैं कि वे राज्यसभा में बिल को गिरा देंगे. 

लेकिन, अरविंद केजरीवाल के देशव्यापी अभियान और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के उनके साथ आने के बावजूद भी भाजपा ने विपक्षियों की घेरेबंदी को तोड़ते हुए राज्यसभा में इस बिल को पारित करवाने के लिए बहुमत का जुगाड़ कर लिया है.

समझिए राज्यसभा का गणित
राज्यसभा के गणित पर नजर डालें तो वर्तमान में सांसदों की कुल संख्या 237 है और इस आधार पर सरकार को 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 ' को पारित करवाने के लिए 119 सांसदों का समर्थन हासिल करना आवश्यक है (अगर सभी 237 सांसद बिल पर वोटिंग में शामिल होते हैं.)
लेकिन, सरकार ने सामान्य बहुमत से कहीं ज्यादा यानी 128 सांसदों का समर्थन तो हासिल कर ही लिया है. हालांकि, अगर सभी 237 सांसद वोट करेंगे तो इसमें भी एक-दो सांसद का समर्थन और हासिल होने की उम्मीद भी सरकार को है.

राज्यसभा में भाजपा के 92 सांसद हैं. एनडीए गठबंधन में शामिल एआईएडीएमके के 4 और असम गण परिषद, मिजो नेशनल फ्रंट, एनपीपी, पीएमके, आरपीआई (ए), टीएमसी (एम) और यूपीपीएल के 1-1 सांसदों को मिलाकर यह आंकड़ा 103 तक पहुंच जाता है. भाजपा को एक निर्दलीय और पांच मनोनीत सांसदों का भी समर्थन मिलने की उम्मीद है. 

भाजपा को एनसीपी (अजित पवार गुट) के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल का भी साथ मिलना तय माना जा रहा है. इसके बावजूद सरकार का आंकड़ा 110 तक ही पहुंच पा रहा था. लेकिन, वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल ने भाजपा सरकार की मुश्किल आसान कर दी है. दोनों दलों ने इस बिल पर सरकार का साथ देने की घोषणा कर दी है. 

वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल, दोनों ही राजनीतिक दलों के पास राज्यसभा में 9-9 सांसद हैं. दोनों का समर्थन मिल जाने के बाद अब सरकार के पास बिल का साथ देने वाले सांसदों की संख्या बढ़ कर 128 पहुंच गई है जो जरूरी बहुमत के 119 के आंकड़े से कहीं ज्यादा है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक - 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 ' को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में यह विधेयक पेश किया.

लोकसभा में संख्या बल के गणित के आधार पर इस बिल का पारित होना पहले से ही तय माना जा रहा है और अब सरकार ने राज्यसभा में भी बिल के समर्थन में बहुमत का जुगाड़ कर लिया है. लोकसभा में इस बिल पर बुधवार को चर्चा होने की उम्मीद है. लोकसभा से पारित होने के बाद सरकार इसे राज्यसभा में पेश करेगी.

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