मध्यप्रदेश में बाढ़ ने मचाई तबाही, अब तक बचाए गए साढ़े 9 हजार लोग

मध्य प्रदेश में बाढ़ का कहर जमकर बरपा है. अबतक राज्य सरकार ने कम से कम 9500 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 4, 2021, 11:46 PM IST
  • ग्वालियर चंबल संभाग में बाढ़ ढहा रही है कहर.
    बाढ़ से हुआ क्षति का जल्द से जल्द आंकलन करने के शिवराज सिंह ने दिए आदेश.
मध्यप्रदेश में बाढ़ ने मचाई तबाही, अब तक बचाए गए साढ़े 9 हजार लोग

भोपाल: मध्य प्रदेश में भारी बारिश से उपजी बाढ़ भारी तबाही लेकर आई है. ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है. पानी पुल को बहा ले गया है तो सड़क से लेकर रेल मार्ग तक बाधित हुआ है. पानी से कई गांव अब भी घिरे हुए हैं. राहत और बचाव काम में सेना की मदद ली जा रही है, अब तक लगभग साढ़े नौ हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.

राज्य में हुई अतिवृष्टि और बाढ़ से शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के कुल 1225 ग्राम प्रभावित हुए हैं. इन इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना चुनौती बना हुआ है. राहत और बचाव कार्य में सेना की मदद ली जा रही है. हेलीकॉप्टर की मदद से पानी के बीच फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है.

हजारों लोगों को निकाला गया सुरक्षित 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया है, अब तक श्योपुर जिले के 32 गांवों से 1500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. इसी प्रकार शिवपुरी के 90 गांवों से 2000 और दतिया, ग्वालियर, मुरैना, भिंड के 240 गांवों से एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ, आर्मी तथा बीएसएफ ने मिलकर लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है. वहीं 1950 लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं. खराब मौसम के कारण कल एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में कठिनाई आ रही थी. आज फिर हेलीकॉप्टरों ने बचाव कार्य शुरू किया है.

शिवपुरी श्योपुर में हो चुकी है अबतक 800 मिमी बारिश
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिवपुरी और श्योपुर में कल तक ही लगभग 800 मिली मीटर बारिश हो चुकी है. यह अप्रत्याशित स्थिति है.श्योपुर जिले में संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है. दूर संचार मंत्रालय से बात कर व्यवस्थाएं पुन: स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं.गुना-शिवपुरी के बीच रेल सेवा बंद है. अधोसंरचना को बहुत नुकसान पहुंचा है, पर राहत की बात यह है कि बचाव कार्य निरंतर जारी है. प्रभावितों की जिन्दगी बचाने में हमें सफलता मिली है.

एनडीआरएफ की तीन टीमें लगी हैं राहत कार्य में 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एनडीईआरएफ की तीन टीमें पहले से बचाव कार्य में लगी थीं, दो टीमें और आ रही हैं. आर्मी के चार कॉलम और एसडीईआरएफ की 70 से अधिक टीमें जिला प्रशासन के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं. अब तक एयरफोर्स के चार हेलीकॉप्टर ग्वालियर में और एक शिवपुरी में बचाव कार्य में लगा हुआ है.

मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को हवाई दौरा कर ग्वालियर एवं चंबल संभाग में बाढ़ से प्रभावित चार दर्जन से अधिक गांवों का जायजा लिया. इसके बाद ग्वालियर विमानतल पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली.

क्षति का जल्द आंकलन करने के सीएम शिवराज ने दिए आदेश 
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि पानी घटते ही जल्द से जल्द क्षति का आंकलन करें, जिससे प्रभावित लोगों को राहत दी जा सके. उन्होंने अति वृष्टि एवं बाढ़ से अधोसंरचना को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी दिए. साथ ही कहा कि यदि राहत और बचाव कार्यों के लिये किसी मदद की जरूरत हो तो बताएं, सरकार द्वारा इसकी पूर्ति की जायेगी.

कम होने लगा है नदियों का जल स्तर 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अब वर्षा कम होने से पार्वती नदी का जल स्तर कम होना आरंभ हुआ है. ग्वालियर में 46 गांव प्रभावित हैं, 17 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं और तीन हजार लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है. दतिया में सेना पहुंच गई है. जिले के 36 गांव प्रभावित हैं, 18 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं, लगभग 1100 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. यहां मंदिर में फंसे पुजारी को मोटर वोट भेज कर बचा लिया गया है. सभी मुख्य मार्ग बंद हैं.एनएच-तीन भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है. रतनगढ़ का पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. शिवपुरी में 22 गांव प्रभावित हुए हैं. बचाव कार्य जारी है, 801 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. श्योपुर में ज्वालापुर, खेरावत, मेवाड़ा और जाटखेड़ा गांव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए थे. यहां जल स्तर घट रहा है. सेना गांवों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. पानी अधिक होने और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण सेना को रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ना पड़ रहा है. लेकिन लोग सुरक्षित हैं.जल स्तर घट रहा है. जीवन को खतरा नहीं है.

चंबल नदी में लगातार बढ़ रहा है जल स्तर
चंबल नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है. कोटा बैराज से छोड़े गये पानी से भी जल स्तर और बढ़ने की संभावना है. भिंड और मुरैना जिले के लिये यह चिंता का विषय है. इन जिलों के निचले इलाकों में बसे गांवों को खाली कराने का काम लगातार जारी है. भिंड में 800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. मुरैना में सावधानी के तौर पर गांव खाली कराये जा रहे हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. सिंध नदी में भी लगातार पानी बढ़ रहा है.

पीएम से सीएम शिवराज ने की बातचीत 
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि राहत के लिए कैंप और भोजन व्यवस्था की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज भी फोन पर चर्चा हुई है. उन्हें स्थिति से अवगत कराया गया है. गृह मंत्री अमित शाह से भी चर्चा हुई है. केंद्र के सहयोग से ही लोगों को एयर लिफ्ट करने की व्यवस्था बन पाई है. प्रधानमंत्री मोदी के सहयोग के कारण ही सेना को भी तत्काल बुलाना संभव हो पाया. बचाव और राहत का हर संभव प्रयास जारी है.

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