नई दिल्लीः कोरोना का मामला भारत में बढ़ ही रहा है. शनिवार को कुल मामलों की संख्या 2902 हो गई, इनमें से 35 फीसदी मामले मरकज से जुड़े हैं. इस तरह बड़े लेवल पर संक्रमण फैलने की दर भी बढ़ गई है. सरकार ने इस स्थिति पर चिंता जाहिर की है और लोगों से सख्ती से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार ने चेहरा ढंक कर निकलने की एडवाइजरी जारी की है.
WHO की रिपोर्ट का दिया हवाला
बाहर निकलते वक्त चेहरे को कपड़े से ढकने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा कि कुल मामलों में 35 फीसदी मामले तबलीगी जमात से जुड़े हैं. 68 लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. लव अग्रवाल ने कहा कि हमारी डेथ रिपोर्ट हैं उनमें ज्यादातर उम्र या फिर कई अन्य बीमारियां मौत ही वजह रही हैं.
इसलिए सरकार की ओर से जारी किए गए दिर्नेशों का पालन करें. उन्होंने WHO की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक दिन में 4 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं.
अगर थोड़ा भी चूक गए तो हालात बिगड़ जाएंगे: लव अग्रवाल
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने में सरकार के कदम सफल साबित हो रहे हैं. अगर अब थोड़ी भी चूक हुई तो हालात बिगड़ सकते हैं. देश के 17 राज्यों में तबलीगी जमात से संबंधित लोगों में से 1023 में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है. कुल मामलों का लगभग 30 प्रतिशत जमात से संबंधित है.\
Nine per cent #COVID19 patients belong to 0-20 years age, 42 per cent patients belong to 21-40 years age, 33 per cent cases pertain to patients between 41-60 years age, & 17 per cent patients have crossed 60 years age: Lav Aggrawal, Joint Secretary, Union Health Ministry pic.twitter.com/FMhiLUaeXm
— ANI (@ANI) April 4, 2020
लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोरोना के कुल मामलों में से 9 फीसदी केस 0-20 वर्ष की आयु के लोगों में हैं. 42 प्रतिशत केस 21-40 वर्ष की आयु के हैं. 33 प्रतिशत मामले 41-60 वर्ष की आयु के रोगियों के हैं और 17 प्रतिशत रोगी 60 वर्ष की आयु के ऊपर के हैं.
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लोगों से 'घर पर बना मास्क' लगाने को कहा
भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आने के साथ ही केंद्र सरकार ने शनिवार को एक परामर्श जारी कर कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिये लोगों से 'घर पर बना मास्क' लगाने को कहा है खास तौर पर तब जब वे घरों से बाहर निकलें. '
चेहरे और मुंह के बचाव के लिये घर में बने सुरक्षा कवर के इस्तेमाल पर परामर्श' में सरकार ने कहा कि ऐसे मास्क के इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर समुदाय का बचाव होगा और कई देशों ने घर में बने मास्क के आम लोगों के लिये फायदेमंद होने का दावा किया है.
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रोगियों को खास तौर पर बने मास्क ही पहनने चाहिए
भारत सरकार ने अपने परामर्श में रेखांकित किया कि घर में बने मास्क निश्चित रूप से सफाई में मददगार हैं लेकिन इसके साथ ही चेताया भी कि 'घर में बनाए गए मास्क की अनुशंसा स्वास्थ्य कर्मियों अथवा कोविड-19 के मरीजों का इलाज या उनके संपर्क में रह रहे लोगों के लिए नहीं है.
इन मास्क का इस्तेमाल मरीजों को भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इन श्रेणी के लोगों को खास तौर पर बचाव के लिये तैयार मास्क पहनने की जरूरत होती है.'
Till now we have found cases related to Tableeghi Jamaat from 17 states, 1023 #COVID19 positive cases have been found to be linked to this event. Out of the total cases in the country, around 30% are linked to one particular place: Lav Aggarwal, Joint Secretary, Health Ministry pic.twitter.com/4Jtzpc4u5k
— ANI (@ANI) April 4, 2020