पैदल यात्रियों और प्रवासी मजदूरों की परेशानी दूर करने के लिए MHA की गाइडलाइन

पैदल यात्रियों को शेल्टर होम में जाने की सलाह दी गई है. प्रवासियों की मदद के लिए NGO की मदद ली जाए. प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए MHA ने गाइडलाइन जारी की है...

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 19, 2020, 02:28 PM IST
    • MHA ने राज्यों को जारी की गाइडलाइन
    • प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा की गाइडलाइन
    • प्रवासियों के लिए बनी अहम गाइडलाइन
    • प्रवासी मजदूरों के लिए बने शेल्टर होम
    • पैदल यात्रियों को शेल्टर होम में जाने की सलाह
    • प्रवासियों की मदद के लिए NGO की मदद ली जाए
    • ट्रेन, बस की स्पष्ट जानकारी प्रवासियों को दी जाए
पैदल यात्रियों और प्रवासी मजदूरों की परेशानी दूर करने के लिए MHA की गाइडलाइन

नई दिल्ली: देश में तेजी से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं. कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है. जो 31 मई को खत्म होगा. लॉकडाउन होने की वजह से सबसे ज्यादा असर प्रवासी कामगारों पर पड़ा है.

MHA ने राज्यों को जारी की गाइडलाइन

लॉकडाउन में सब कुछ बंद हो जाने के कारण आम मजूदरों के कामकाज प्रभावित हुआ है. जिससे ज्यादतर प्रवासी कामगार हजारों किलोमीटर पैदल ही अपने गांव और घरों की तरफ निकल पड़े हैं. इस बीच MHA ने राज्यों को प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा की गाइडलाइन जारी की है.

देश के कोने-कोने से पैदल जा रहे प्रवासी कामगारों की तस्वीर सामने आने के बाद उन्हें उनके घर, गांव तक पहुंचाने के लिए रेल और बस सेवाएं शुरु की गई. ऐसे हालातों के देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं. गृह मंत्रालय की नई गाइड लाइन में प्रवासियों को हर मुमकिन सुविधा देने को कहा गया है. 

प्रवासियों के लिए गृह मंत्रालय की गाइडलाइन

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से ज्यादा से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाने और रेल मंत्रालय के बीच बेहतर समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं.

प्रवासियों के जाने वाले रास्तों पर शेल्टर होम की व्यवस्था की जानी चाहिए. वहां पर खाने और उनके सेहत से जुड़ी हर सुविधा मौजूद होनी चाहिए.

जिलाधिकारी पैदल जा रहे लोगों को शेल्टर होम में जाने की सलाह दें. प्रवासियों को बताएं कि बस स्टॉप और रेलवे स्टेशन कहां हैं?

शेल्टर होम में आने वाले सभी प्रवासियों की पूरी जानकारी ली जाए, जिससे लॉकडाउन खुलने पर उनसे दोबारा संपर्क साधा जा सके और नौकरी के लिए बुलाया जा सके.

राज्यों को निर्देश दिया गया है कि शेल्टर होम में प्रवासियों की देखभाल और उनकी मदद के लिए एनजीओ की मदद ली जाए.

शेल्टर होम में आने वाले प्रवासियों को क्वारंटाइन किया जाना चाहिए, जिससे कोरोना के लक्षण का पता लग सके.

शेल्टर होम में आने वाली औरतों, बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष रूप से नजर रखी जाए और उन्हें हर तरह सकी ​सुविधा मुहैया कराई जाए.

शेल्टर होम में काउंसलर की व्यवस्था की जाए जो प्रवासियों को समझाने का प्रयास करें.

लॉकडाउन के चौथे चरण में दो राज्यों को सहमति से बस चलाने की छूट दी गई है. इसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि अंतरराज्यीय बॉर्डर पर बसों को जाने से बिल्कुल भी न रोका जाए.

ट्रेनें की स्पष्ट जानकारी प्रवासियों को दी जाए, जिससे अफवाहों से बचा जा सके.

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देशभर में मजदूरों की स्थिति देखकर हर कोई यही कह रहा था कि ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए कुछ तो करो सरकार, इस बीच MHA की गाइडलाइन से इन मजबूर मजदूरों को राहत की उम्मीद है.

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