PAK में निकाह रचाया, बच्चा पैदा किया... इस भारतीय महिला जासूस पर बॉलीवुड भी बना चुका फिल्म!

Sehmat Khan Real Raazi Story: साल 2018 में 'राज़ी' नाम से एक फिल्म आई, जिसमें आलिया भट्ट ने सहमत सैयद का किरदार निभाया था, जो सहमत खान से प्रेरित था. सहमत खान भारतीय महिला जासूस हुआ करती थीं, जिन पर किताब भी लिखी जा चुकी है.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jan 8, 2025, 10:16 AM IST
  • 2 साल तक पाक में रहीं सहमत
  • भारत लौटकर आईं तो गर्भवती थीं
PAK में निकाह रचाया, बच्चा पैदा किया... इस भारतीय महिला जासूस पर बॉलीवुड भी बना चुका फिल्म!

नई दिल्ली: Sehmat Khan Real Raazi Story: भारत के लिए काम करने वाले कई ऐसे जासूस रहे हैं, जिनकी कहानी हैरान कर देने वाली है. जब भी जासूसों का जिक्र होता है तो कुछ फिक्शनल केरेक्टेर्स दिमाग में आते हैं. हॉलीवुड की बात करें तो जेम्स बॉन्ड या शेरलॉक होम्स का नाम जुबान पर आता है, जबकि इंडिया में ब्योमकेश बक्शी या डिटेक्टिव वागले जैसे किरदार याद आते हैं. महिला जासूसों पर बहुत कम कंटेंट बना है. जब फिक्शनल किरदार गढ़ने वाले लोग महिला को जासूस नहीं दिखा सकते, तो असल जिंदगी में ऐसा होना किसी आठवें अजूबे से कम तो नहीं. बहरहाल, भारत में एक ऐसी महिला जासूस भी हुई हैं जिन्होंने पाक में निकाह रचाया, बच्चा पैदा किया, लेकिन वतन परस्त रहीं. उस पार की खुफिया जानकारी इस पार भेजती रहीं.

'राज़ी' की सहमत
साल 2018 में मेघना गुलजार की डायरेक्टेड फिल्म 'राज़ी' आई. इसमें आलिया भट्ट ने एक महिला जासूस का किरदार निभाया था, ये किरदार सहमत खान से प्रेरित था. सहमत खान भारत की ऐसी महिला जासूस रही हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के एक फौजी से निकाह रचा लिया था. पाक फौजी से निकाह रचाने का मकसद था वहां की खुफिया सूचना तक आसानी से पहुंच बन पाए और फिर उसे भारत भेजा जाए.
 
इन पर किताब भी लिखी गई
भारतीय महिला जासूस सहमत खान की जिंदगी एक किताब भी आई थी. नेवी से रिटायर्ड ऑफिसर हरिंदर सिक्का ने 'Calling Sehmat' नाम से किताब लिखी. इसी किताब ने सहमत खान की कहानी को दुनिया के सामने रखा, फिर बॉलीवुड ने फिल्म भी बनाई. सिक्का ने ये किताब सहमत खान के बेटे से हुई बातचीत के आधार पर लिखी है. उन्होंने सहमत से जुड़ी खूब साडी रिसर्च भी की. इस किताब को लिखने में हरिंदर सिक्का को 8 साल लग गए थे. 

इंडियन आर्मी ने ट्रेन किया
किताब के लेखक हरिंदर सिक्का ने लिखा कि साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के आसार बन गए थे. लेकिन भारत के पास इसकी खास भनक नहीं थी कि पाक क्या और कैसे करने वाला है. ये खुफिया जानकारी जानने के लिए उन्हें एक जासूस चाहिए था, जो पाक में जाकर भारत के लिए जासूसी कर सके.कश्मीर के एक बिजनेसमैन ने अपनी कॉलेज में पढ़ने वाली बेटी सहमत खान को ये काम करने के लिए राजी किया. सहमत को पाकिस्तान भेजने से पहले इंडियन आर्मी ने ट्रेनिंग दी, उसे एक पेशेवर जासूस बना दिया. 

पाकिस्तानी फौजी से निकाह
सहमत का निकाह पाकिस्तानी फौजी से हुआ. उसके साथ रहते हुए सहमत के हाथ पाक आर्मी की बहुत सारी जानकारी हाथ लगी. सहमत इसे समय-समय पर भारत भेजती रहीं. उन्होंने करीब 2 साल तक वहां रहकर ऐसा किया. इसका नतीजा ये रहा कि भारतीय सेना को पाक के मंसूबे पता लग गए. सहमत की दी हुई जानकारी से भारत में कई लोगों की जान बच गई. 

बेटे को भारतीय सेना में भर्ती कराया
सहमत खान 2 साल पाक में रहने के बाद भारत लौट आई थीं. उनके पेट में पाकिस्तानी पति का बेटा पल रहा था, जिसे सहमत ने भारत में जन्म दिया. सहमत खान की वतन परस्ती का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने इकलौते बेटे को इंडियन आर्मी में भर्ती करवाया. गुमनाम जीवन जीने वाली सहमत खान की कहानी एक नॉवेल के जरिये ही सही, लेकिन लोगों के सामने तो आई.

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