'हिंदुस्तान ई विमर्श डायरेक्ट विद सीएम' में एमपी के CM शिवराज सिंह चौहान ने साझा की 'I स्क्वायर T स्क्वायर' रणनीति

हर कोई कोरोना की मार से खौफ के साए में जीने को मजबूर हो गया है. ऐसे में 'विकास के साथ कोरोना को मात' देने के लिए मध्य प्रदेश का मेगाप्लान क्या है. इसकी जानकारी खुद एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ज़ी हिन्दुस्तान 'ई-विमर्श-डायरेक्ट विद सीएम' में दिया. उन्होंने  'I स्क्वायर T स्क्वायर' रणनीति साझा की...  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 16, 2020, 06:05 PM IST
    • इकोनॉमी और उम्मीदों को नये व़िजन की रफ्तार
    • देश के सबसे बड़े e-मंच पर कोरोना विमर्श
    • ज़ी हिन्दुस्तान 'ई-विमर्श-डायरेक्ट विद सीएम'
    • 'विकास के साथ कोरोना को मात' का मेगाप्लान
    • मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधी बात
    • आपकी रोजी-रोटी से इंडस्ट्री-इकोनॉमी तक की बात
'हिंदुस्तान ई विमर्श डायरेक्ट विद सीएम' में एमपी के CM शिवराज सिंह चौहान ने साझा की 'I स्क्वायर T स्क्वायर' रणनीति

नई दिल्ली: कोरोना को मात देने के बाद आर्थिक मोर्चे पर करामात करने के लिए अलग अलग राज्यों ने क्या प्लानिंग की है? ऐसे ही सवालों के जवाब आपतक पहुंचाने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ज़ी हिन्दुस्तान 'ई-विमर्श-डायरेक्ट विद सीएम' में चर्चा की गई. देश का सबसे बड़ा ई मंच पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हमने बात की.

'ई-विमर्श-डायरेक्ट विद सीएम' में मध्य प्रदेश के CM
जी हिंदुस्तान के ई विमर्श डायरेक्ट विद सीएम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कई सवालों को पेश किया गया. मध्य प्रदेश में हाल ही के दिनों में राजनीतिक उठापटक देखा लेकिन इस राजनीतिक उठापटक के बीच चौथी बार इस प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं.

कुर्सी संभालते ही एक नई चुनौती से कैसे जीतेगा MP?
ज़ी हिन्दु्स्तान ने पहले सवाल के तौर पर शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही एक नई तरीके की चुनौती आपके सामने आ गई है. इस बार चुनौती बिल्कुल अलग है कैसे जीतेंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बात सच है कि जब मैं मुख्यमंत्री बना इससे पहले ही कोरोना वायरस मध्यप्रदेश में पैर जमा चुका था और कोरोनो को रोकने की व्यवस्थाएं बनी नहीं थी. इसलिए रात 9:00 बजे मैंने शपथ ग्रहण की और और 10:00 बजे मैं सीधे मेरे सचिवालय में आ गया और तब से लगातार मध्य प्रदेश की जनता के साथ मिलकर अपनी टीम के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ आम लड़ाई लड़ रहे हैं.

साथ ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात पर भी फोकस किया कि तेजी से संक्रमण बढ़ता है, लेकिन इंसान ने भी हार नहीं मानी. हमने भी भरपूर कोशिश की है कि इसको रोके. उन्होंने इस दौरान कहा कि "हुए मुझे कोई संकोच नहीं है कि मध्य प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है. यह बात सच है कि कोरोना की पॉजिटिव कैसे लगातार आ रहे हैं, लेकिन संतोष की बात यह है कि स्वस्थ होकर भी लोग लगातार घर पर जा रहे हैं रिकवरी लगातार मध्य प्रदेश की बेहतर होती जा रही है और इसलिए मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालते ही हमने पहले एक रणनीति बनाई कि इससे हम कैसे निकलेंगे."

मध्य प्रदेश में 'आई स्क्वायर टी स्क्वायर' रणनीति
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हमने 'आई स्क्वायर टी स्क्वायर' रणनीति बनाई. इसका मतलब यह है कि पहले आईडेंटिफिकेशन, कहां लक्षण है सर्दी के जुखाम के या बुखार के उस इलाकों को पहचाने. उसके बाद इसको आइसोलेट करें और आइसोलेट करने के बाद व्यापक पैमाने पर टेस्ट करें और टेस्ट के बाद पॉजिटिव आए तो फिर उसका ट्रीटमेंट करें, इलाज करें.

सीएम शिवराज ने बताया कि पहले तो टेस्टिंग की व्यवस्था ही नहीं थी, मैं जब आया तो केवल 60 टेस्ट होते थे, आज मुझे कहते हुए संतोष है लगभग 5000 टेस्ट होते हैं, सैंपल यह हम कर रहे हैं और लगातार हमने कोविड-19 हॉस्पिटल बनाए और आज मध्य प्रदेश में 35000 अस्पतालों की हमारी व्यवस्था है. लगभग 2,000 बेड भरे हुए हैं और बाकी खाली हैं. इसको बढ़ाकर हम 83 हजार के आसपास लेकर जा रहे हैं ताकि भविष्य में भी ऐसी संभावनाएं प्रकट करती हैय दुनिया के कुछ विशेषज्ञ है, हमारे देश के भी जो इस मामले के जानकार हैं तो उस हिसाब से भविष्य में भी इस संक्रमण बड़े तो उसमें कोई दिक्कत ना रहे. उसकी हम लगातार कोशिश कर रहे हैं पूरा है और उसके परिणाम भी आ रहे हैं जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है.

क्या ऐसा कोई कारगर सुझाव है जो नतीजा दे सके?
निश्चित तौर पर शिवराज सिंह चौहान ने पहले सवाल के जवाब में कई सारी बातें क्लीयर कर दी थी. लेकिन उनके जवाब से ही कई सवाल निकलने लगे. ऐसे में ज़ी हिन्दुस्तान ने बेबाकी से सवाल दागते हुए पूछा कि आपके यहां बहुत सारी योजनाएं ऐसी रही जो केंद्र ने समझकर अपना ली और पूरे देश में लागू कर दी. क्या आपके यहां के कुछ सुझाव ऐसे हैं जो एक मॉडल के तौर पर पूरे देश में केंद्रीय सरकार उसे अपना कर यह कहे कि उसे अपनाकर ग्राउंड पर ले कर आ सके?

इस सवाल के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने दोहरी रणनीति बनाई है, एक शॉर्ट टाइम प्लानिंग और एक लॉन्ग टाइम प्लानिंग, देखिए कोरोना चुनौती तो है, लेकिन चुनौती के साथ-साथ एक अवसर भी है. हमको कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी, कोई नहीं जानता किस तारीख को यह वायरस खत्म होगा, कोई वैक्सीन भी नहीं बनी है और कोई विश्वसनीय इलाज भी नहीं है. इसलिए दोनों चीज हमको करनी पड़ेगी. एक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं का निर्माण, जैसे 2 गज की दूरी, जैसे मास्क लगाकर ही निकलना, बार बार साबुन से हाथ धोते रहना और इस दौरान लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना.

"एक तरफ यह शॉर्ट टर्म प्लानिंग और दूसरी तरफ लोंग टर्म प्लानिंग का मतलब यह है कि हम एक तरफ हम अपने स्वास्थ्य के ढांचे को ठीक करें और बेहतर बनाने की कोशिश करें और दूसरी तरफ इसका लाभ उठाकर हम अन्य रोजगार के अवसर को सृजित करें प्रधानमंत्री जी ने मंत्र दिया आत्मनिर्भर भारत."

किन सेक्टरों में ढील और किन सेक्टरों में सख्ती बरतने का प्लान?
जैसे ही शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर भारत का जिक्र किया तुरंत ज़ी हिन्दुस्तान ने उनसे पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए एक आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. लेकिन ऐसे कौन से सेक्टर है मध्यप्रदेश में जिनमें सख्ती ज्यादा होगी और जिसमें हो सकता है आप और कुछ ऐसे सेक्टर भी होंगे जिनको आप ढील देंगे ताकि राजस्व को की बढ़ोतरी तय वक्त में ज्यादा से ज्यादा हो पाया?

इस सवाल के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "अलग-अलग वर्गों से हमने चर्चा की है, किन-किन जॉन में आर्थिक गतिविधियां व्यापक पैमाने पर प्रारंभ कर देंगे पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी डिस्ट्रिक्ट के अंदर हम चालू करेंगे और ऑरेंज जोन में जो कंटेनमेंट एरिया है. उस एरिया को बंद रखेंगे, बाकी जगह आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ करेंगे और जो रेड जोन है उसमें कंटेंटमेंट एरिया के साथ लगे हुए बफर जोन में भी हम आर्थिक गतिविधियां चालू नहीं करेंगे, बाहर आर्थिक गतिविधियां चालू करेंगे."

शिवराज सिंह चौहान ने ये भी बताया कि कोई धार्मिक उत्सव सामाजिक उत्सव कोई राजनीतिक उत्सव भीड़ वाले कार्यक्रम यह कोई नहीं होंगे, सिनेमा हॉल जैसी चीजें ना खुले, स्कूल कॉलेज अभी बंद रहे तो हम इन चीजों को चिन्हित कर रहे हैं लेकिन साथ में हम यह भी कर रहे हैं इसका लाभ उठाने के लिए आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए मैं अब इन चीजों को छांट रहा हूं, कौन-कौन सी चीजें हैं जो लोकल बना सकते हैं.

लोकल को वोकल करने के प्लान पर शिवराज की राय
राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए लोकल को वोकल करने की बात कही थी. इसे लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसी के लिए मिट्टी के दीये हो, गणेश जी की मूर्ति हो, दीपावली की विद्युत बल्ब की लड़ियां हो, यह सब विदेश से क्यों आए? हमारे नौजवान बना सकते हैं तो हम अपने नौजवान को प्रेरित करेंगे कि वह अपने छोटे लघु कुटीर ग्राम उद्योग खड़े करें. हम महिला उद्योग को भी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं वह पीपीई किट बना रही है और मास्क बनाने के काम में लगी है कई तरह के काम मिलेंगे.

चीन छोड़कर आने वाली कंपनियों के लिए MP कितना तैयार?
हर कोई जानता है कि चालबाज चीन की करतूत के चलते ही सभी देश ड्रैगन को दरकिनार करने में लगे हैं. यही वजह है कि चीन से तकरीबन 1000 से अधिक कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. ऐसे में ज़ी हिन्दुस्तान ने मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से इसी से जुड़ा सवाल पूछा,

"बहुत सारी ऐसी बड़ी कंपनियां भी है जो चाइना से हटकर दूसरे इलाकों में दूसरे देशों में शिफ्ट होगी, तो ऐसा क्या कोई आपके दिमाग में है की कोई प्लानिंग कोई इन्वेस्टमेंट प्लान अगर कोई हमारे पास आकर निवेश करना चाहे कि हम मध्य प्रदेश की भूमि को उसके लिए बिल्कुल तैयार करके रखें. जिससे हमें बड़ी मात्रा में उसकी सुविधा मिल पाए?"

इस सवाल के जवाब में शिवराज सिंह ने बताया कि "मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है जिसने अपनी औद्योगिक नीति में कई बदलाव किए हैं, हमारा एक लैंड पूल तैयार है, ऑनलाइन आप जहां जाएंगे, वहां जमीन ले सकते हैं. रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस देने का काम हम 1 दिन में करेंगे. कई तरह के ऐसे कानून थी जिसे दिक्कत होती थी, निवेश करने वाले को जैसे उसको 63 रजिस्टर पहले उसको कई रिटर्न फाइल करने पड़ते थे. कभी कबार लेबर इंस्पेक्टर अपनी मनमानी करके उसको तंग करते थे, हमने उसको समाप्त कर दिया."

CM शिवराज ने ये भी बताया कि "हमारे यहां मध्यप्रदेश में स्किल्ड मैनपावर है, 24 घंटे सातों दिन बिजली है, कई तरह की सुविधाएं हैं, उसमें देश और दुनिया के उद्योगपतियों को अवगत कराने का काम कर रहे हैं और हमारी औद्योगिक नीति मजदूरों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्टर्स फ्रेंडली है. इसलिए हम दुनिया की कंपनियों को मध्यप्रदेश में भी आमंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं."

किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए क्या है प्लान?
ज़ी हिन्दुस्तान ने शिवराज सिंह चौहान से अगला सवाल देश के सबसे अहम स्तम्भ किसानों से जुड़ा किया. हमने पूछा कि कोई नए प्लान कोई नई योजना किसानों के लिए भी आप ला रहे हैं?

इस सवाल के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आय को दुगनी करने पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि सभी किसान हमारी प्राथमिकता है, खेती भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसलिए एक तरफ जहां किसान के उत्पाद को समर्थन मूल पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर खरीदने का काम कर रहे हैं. व्यापक पैमाने पर कल तक 7300000 टन से ज्यादा गेहूं हम किसानों से खरीद चुके थे. लेकिन हमने मंडी एक्ट में भी व्यापक सुधार किया है.

उन्होंने बताया कि उनकी सरकार किसान को विकल्प दे रही है, अभी या तो सरकारी खरीद या फिर मंडी में जाकर किसान अपने उत्पाद को लेकर आए हमने उसको और विकल्प दिए हैं, मंडी एक्ट में संशोधन कर करें इस बात का प्रावधान हमने किया है कि किसान अगर चाहे तो व्यापारी उसके घर जाकर उसके उत्पाद को अनाज को फल को सब्जी को घर से या खेत से खरीद सकता है.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "हमने ट्रेडिंग शुरू की है मध्य प्रदेश में प्रावधान के अंतर्गत कि भोपाल में बैठकर कोई किसान चेन्नई कोलकाता या अहमदाबाद में भाव पता करके ऑनलाइन ट्रेडिंग भी कर सकता है e-trading भी कर सकता है तो एक नहीं कई विकल्प हमने खोलें इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी."

मतलब घर बैठे फसल बेच सकता है?
इस जवाब को लेकर किसी के मन में किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन ना रहे इसी लिए हमने उनसे पूछा कि मतलब घर बैठे फसल बेच सकता है? जिसपर उन्होंने बोला कि मध्यप्रदेश में खरीदी कर सकते हैं और इसलिए प्रतिस्पर्धी रेट मिलेंगे तो चीजों की कीमत पड़ेगी किसान को सही दाम मिलेगा.

प्रवासी मजदूरों के लिए मध्य प्रदेश सरकार का क्या है प्लान?
देशभर के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासी मजदूर कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं. रोजोना मार्मिक तस्वीरें सामने आ रही हैं. ऐसे में ज़ी हिन्दुस्तान ने शिवराज सिंह से पूछा कि उस दूसरे राज्यों में फंसे जो बच्चे या मजदूर हैं उनको फिर से राज्य में लाने के लिए अभी तक क्या-क्या कामयाबी हासिल हुई है?

ज़ी हिन्दुस्तान के इस सवाल पर एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हमने मध्य प्रदेश के जो आसपास के राज्य थे हमारे मजदूर थे उनमें तकरीबन हमारे ढाई लाख मजदूर मध्यप्रदेश में वापस आ चुके हैं. बसों के माध्यम से ट्रेन के माध्यम से रेल के माध्यम से हमारी दो तीन तरह की समस्या थी एक मध्यप्रदेश में ही मध्यप्रदेश के मजदूर फंसे थे, अलग-अलग जिलों में उनको बस उसे घर भिजवाया आसपास के राज्यों में हमारे बच्चे भी थे मजदूर भी थे उनको हम लेकर बसों से आए और अब जो दूर के राज्य हैं. बाकी प्रांतों के जो मजदूर  मध्य प्रदेश से होकर जा रहे हैं, जैसे दक्षिण और पश्चिम के मजदूर बड़ी संख्या में मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश बिहार छत्तीसगढ़ जा रहे हैं तो उनको भी भोजन की कोई दिक्कत ना हो चाय पानी का इंतजाम हो अलग-अलग पॉइंट बनाकर उनके लिए इंतजाम किया है.

शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का आश्वासन तो दिया है कि पैदल जाने वाले मजदूरों को ज्यादा परेशानी ना हो ऐसे में उन्होंने पुख्ता इंतजाम किये हैं. लेकिन यहां कोरोना वॉरियर्स के बिना इस सबसे बड़े युद्ध में विजय संभव नहीं है. वो भी तब जब मध्यप्रदेश के इंदौर से ही कई डरावनी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं.

कोरोना वॉरियर्स के लिए क्या कर रही है मध्य प्रदेश सरकार?
कोरोना वॉरियर्स को पूरी दुनिया सलाम कर रही है. उनके योगदान को खुद पीएम मोदी ने गिनाया इसीलिए हमारा अगला सवाल कोरोना वॉरियर्स से जुड़ा था. शिवराज सिंह चौहान से ज़ी हिन्दुस्तान ने पूछा कि हर जगह हमारे जो पुलिस कर्मी स्वास्थ्य कर्मी जो टीचर है, जो सर्वे कर रहे हैं उन तमाम लोगों के लिए आप किस तरह से प्रोत्साहन संदेश देंगे?

इस सवाल के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने कई आंकड़े भी सामने रखे और अपनी सरकार की उपलब्धियों को इस मंच के माध्यम से देश के सामने प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि अस्पताल के वार्ड में चाहे वह वार्डबॉय हो, नर्स हो, डॉक्टर हो या पैरामेडिकल स्टाफ हो. भगवान ना करें अगर उनको कोई संक्रमण फैलता है और अनहोनी होती है तो ₹5000000 की राशि तत्काल हम उनके परिवारों को देने का काम करते हैं. ₹10000 हमने अतिरिक्त तय किया क्योंकि वह दिन और रात काम कर रहे हैं.

सीएम शिवराज ने ये भी बताया कि इतनी कठिन परिस्थितियों में ₹10000 उनको हमने परिश्रमक देने का भी सम्मान निधि देने का फैसला किया है. केवल वह नहीं बल्कि कोरोना पेशेंट के लिए काम करते हुए डॉक्टर के अलावा कोई पुलिसकर्मी पॉजिटिव हो जाता है, कोई अलग-अलग राजस्व विभाग हो चाहे नगर निगम का हो और किसी विभाग का हमारा कर्मचारी अधिकारी वह पॉजिटिव हो जाते हैं. तो उनको भी ₹10000 की राशि देते हैं.

मध्य प्रदेश के सीएम का कहना है कि "अनहोनी होने पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी प्रावधान है. हमारे कोरोना वारियर्स लगातार परिश्रम कर रहे हैं, वह देवदूत से कम नहीं है और इसलिए उनके लिए और उनके परिवारों के लिए कोई दिक्कत कष्ट और परेशानी ना हो इसका भरपूर इंतजाम करने की हमने कोशिश की है. मैं उनको हृदय से धन्यवाद भी देता हूं कि इस संकट की घड़ी में उनके सहारे हम इस संकट से बाहर निकलने में सफल होंगे."

शिक्षा पर बुरा असर ना पड़े, इसके लिए कोई रणनीति?
कोरोना काल में हर किसी को भविष्य की चिंता सता रही है एक बहुत बड़ा विषय है शिक्षा व्यवस्था पर कि स्कूल कॉलेज बंद पड़े हैं, लेकिन बच्चे पढ़ाई से दूर ना हो यह सभी चाह रहे हैं ऐसे में कौन सी तकनीक और कितनी बड़ी संख्या में इस्तेमाल करके मध्य प्रदेश सरकार इस परेशानी को दूर कर सकती है? जब ज़ी हिन्दुस्तान ने ये सवाल शिवराज सिंह से पूछा तो क्या जवाब मिला आप नीचे पढ़िए,

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि "अभी स्कूल कॉलेज कब खुलेंगे इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता. बच्चे क्योंकि सामूहिक रूप से जाते हैं. बच्चों की हमें चिंता करनी है, इसलिए हम लोगों ने ऑनलाइन जो शिक्षा हो सकती थी. स्कूल के लिए भी हमने एक अलग तरह का सिलेबस बनाकर ऑनलाइन घर पर बैठे बच्चों को जानकारी मिल सके कि क्या पढ़ना है."

शिवराज सिंह ने भी शिक्षा के लिए ऑनलाइन व्यवस्था को ही इसके लिए कारगर उपाय समझा है. उन्होंने जून तक इसे लेकर पूरा प्लान और रोडमैप लागू कराने की बात कही है. ज़ी हिन्दुस्तान ने शिवराज सिंह चौहान के सामने कोरोना से जुड़े हर सवाल रखे.

आपको बता दें, मध्य प्रदेश सबसे पहले, सबसे अधिक हॉटस्पॉट देखे गए और वहां संक्रमण के बढ़ने की संभावना सबसे ज्यादा थी. बहुत जल्दी रिकवरी रेट बढ़ने की वजह से एक कंट्रोल की स्थिति आ गई. कोरोना के खिलाफ इस जंग में हर कोई अपनी भूमिका और दायित्व का निर्वहन कर रहा है. हर व्यक्ति इससे लड़ना सीखे, इसके साथ जीना सीखें क्योंकि सचमुच कोई नहीं जानता कि कोरोना कब जाएगा और कैसे जाएगा.

पूरा इंटरव्यू यहां देख सकते हैं--

 

 

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