अंडमान में ऑप्टिकल फाइबर केबल सुविधा का उद्घाटन, पीएम बोले-बंदरगाह की बढ़ेगी ताकत

गहरे समुद्र की तलहटी में बिछाई गई करीब 2,300 किलोमीटर लंबी यह केबल पोर्ट ब्लेयर के साथ ही क्षेत्र के अन्य द्वीपों, स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी इस ब्राडबैंड सुविधा से जोड़ेगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 10, 2020, 06:17 PM IST
    • प्रधानमंत्री मोदी ने ही 30 दिसंबर 2018 को परियाजना का शिलान्यास किया था
    • पीएम ने कहा, आज भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है,
अंडमान में ऑप्टिकल फाइबर केबल सुविधा का उद्घाटन, पीएम बोले-बंदरगाह की बढ़ेगी ताकत

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अंडमान निकोबार के लोगों को केबल नेटवर्क के जरिये देश के सभी नागरिकों की तरह ऑनलइन शिक्षा, बेहतर इंटरनेट समेत सभी डिजिटल लाभ मिलेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज भारत खुद को वैश्विक विनिर्माण, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित करने में जुटा है. 

होगा इतना फायदा
जानकारी के मुताबिक, गहरे समुद्र की तलहटी में बिछाई गई करीब 2,300 किलोमीटर लंबी यह केबल पोर्ट ब्लेयर के साथ ही क्षेत्र के अन्य द्वीपों, स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी इस ब्राडबैंड सुविधा से जोड़ेगा.

इससे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी. इसके साथ ही तीव्र गति की संचार सेवाओं से राजकाज के काम में मदद मिलेगी. पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा

ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से होगा रोजगार सृजन
पनडुब्बी ओएफसी लिंक चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच 2x200 गीगाबिट्स प्रति सेकंड (Gbps) और पोर्ट ब्लेयर और अन्य द्वीपों के बीच 2x100 Gbps की बैंडविड्थ वितरित करेगी. दूरसंचार और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से द्वीपों में पर्यटन और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और जीवन स्तर में वृद्धि होगी. 

पीएम मोदी ने ही किया था योजना का शिलान्यास
पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, खुद को वैश्विक विनिर्माण केंद्र, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में स्थापित करने में जुटा है,

तब जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटवर्क को मजबूत बनाने की जरूरत है.’प्रधानमंत्री मोदी ने ही 30 दिसंबर 2018 को परियाजना का शिलान्यास किया था. 

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