प्याज संकट के समाधान की कोशिशें जारी

देश में प्याज के बढ़ते दामों की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. इसके दो शॉर्ट और लांग टर्म समाधान की कोशिशें शुरु हो गई हैं. शॉर्ट टर्म समाधान के तहत प्याज के कालाबाजारियों पर छापे डाले जा रहे हैं, वहीं लांग टर्म समाधान के लिए प्याज के स्टोरेज के नए तरीकों की तलाश की जा रही है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 12, 2019, 05:26 PM IST
    • प्याज के सौ से ज्यादा व्यापारियों पर छापे
    • ब्राजील और इजरायल में अपनाए जाते हैं ये तरीके
    • यहां उत्पन्न होता है देश का 60 फीसदी प्याज
प्याज संकट के समाधान की कोशिशें जारी

नई दिल्ली:  देश में प्याज की बढ़ती मांग और उनकी आपूर्ति के बीच दो मुख्य खबरें सामने आईं हैं. पहली यह कि सरकारी तंत्र आयकर विभाग को कहीं से प्याज के जमाखोरी की जानकारी मिली जिसके बाद जमाखोरों पर शिकंजा कसने के लिए टीमें निकल पड़ी. 

प्याज के सौ से ज्यादा व्यापारियों पर छापे

सोमवार को सबसे पहले महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज के 11 बड़े व्यापारियों के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की गई. टीम की रेड यहीं नहीं थमी. मंगलवार को देश के विभिन्न राज्यों हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, गुजरात,चंडीगढ़ और मुबंई के लगभग 100 ठिकानों पर भी आयकर विभाग ने छापेमारी की. आयकर विभाग के अधिकारियों ने टीम को महाराष्ट्र के सतमा, कलवन, पीपलगांवा, और नासिक जिले में छानबीन को भेजा. सरकार के नियमन के मुताबिक व्यापारियों को एक निश्चित या यूं कहें कि निर्धारित प्याज रखने की ही इजाजत है. थोक व्यापारियों को 500 क्विंटल और खुदरा व्यापारियों को 100 क्विंटल से ज्यादा प्याज स्टॉक में नहीं रखना है. देश के कई हिस्सों में तो प्याज 100 रुपए किलो के पार भी पहुंच चुका है.

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प्याज के संग्रह की नई तकनीक 

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उधर FICCI ने प्याज की आपूर्ति पर एक शोध किया था जिसकी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि सरकार को प्याज के स्टोरेज और उत्पादन के लिए इजरायल और ब्राजील जैसे देशों का मॉडल अपनाने की सलाह दी है. प्याज के भाव को काबू करने की सलाहों के बीच फिक्की ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकार के पास उतना प्याज है जिससे कि जरूरतें पूरी की जा सकें. लेकिन हमारे पास इस तरह की तकनीक और रखरखाव के तरीके नहीं हैं दूसरे देशों की तरह खास कर इजरायल और ब्राजील की तरह, ताकि हम इसे बचा कर रख सकें. 

ब्राजील और इजरायल में अपनाए जाते हैं ये तरीके

फिक्की के मुताबिक सरकार को लंबे समय तक चलने वाले नुस्खों को आजमाना चाहिए. इजरायल में प्याज को खुले वेंटिलेशन वाले अन्नगार में रखना होगा जिसमें उचित मात्रा में हवा का आना-जाना होता रहे. इसके अलावा सस्ते और उचित खर्च के साथ प्याज का रखरखाव कम पैसों की लागत वाली फॉर्म गेट स्टोरेज में करना भी सही कदम होगा. ब्राजील में प्याज की स्टोरेज ज्यादातर कोल्ड स्टोरेज कमरे में की जाती है जिसमें प्राकृतिक हवा भी सही मात्रा में मिल ही जाता है. जबकि भारत में भी कुछ नए स्टार्ट-अप्स जैसे कि Inficold Inc जैसी कंपनियों ने भी कूलिंग सिस्टम के साथ बहुस्तरीय उत्पादों के रखरखाव को फॉर्म बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसमें ज्यादातर उन्हीं चीजों को रखा जा रहा है जो उत्पाद सड़ने लगते हैं. 

यहां उत्पन्न होता है देश का 60 फीसदी प्याज

भारत में प्याज की खेती ज्यादातर महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में होती है. तीनों राज्य मिलकर भारत के अन्य राज्यों की तुलना में 60 फीसदी तक प्याज का उत्पादन करते हैं. इस साल भारी बारिश और बाढ़ से महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्याज की फसल बर्बाद हो गई. उत्पादन घट कर आधे के करीब आ गए. देश के विभिन्न राज्यों में जरूरतों के लिए भी कम ही प्याज रह गए. अब इसी बीच बड़े, छोटे और मझोले व्यापारियों ने ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए जमाखोरी शुरू कर दी. इससे प्याज की पहुंच बाजार में कम होती चली गई. प्याज के दाम बढ़ने लगे. लोगों की थाली से प्याज गायब होने लगा. सब्जियों के स्वाद बिगड़ने लगे. सरकारी तंत्रों को जैसे ही इस बात का अंदाजा हुआ तो आयकर विभाग ने मोर्चा संभाला और जमाखोरों की छानबीन में लग गई. 

हालांकि, बाजार में प्याज की तंगी से भारत सरकार ने निपटने का इंतजाम कर लिया है. काबुल, किर्गीस्तान और मिस्र से प्याज का आयात बढ़ा दिया गया है. अब तक कई कंटेनर भारत में पहुंच भी चुके हैं. प्याज के दामों को जल्द कंट्रोल में लाया जाएगा. 

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