नई दिल्लीः इस वक्त तुर्की के राष्ट्रपति (Turkish President) हर ओर टकराव का रुख रख रहे हैं. भारत के प्रति भी उनका नजरिया ठीक नहीं देखा जा रहा है. खासतौर पर नाजुक कश्मीर मसले पर वह वक्त-वक्त पर टिप्पणी करते रहे हैं. एर्दोगन (Erdogan) ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा जिस पर भारत ने उन्हें दो टूक जवाब दिया है.
जानकारी के मुताबिक, भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति (Turkish President) एर्दोगन (Erdogan) के एक भाषण पर कड़ी आपत्ति जताई है. एर्दोगन (Erdogan) यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली (united nations general assembly) में भाषण दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कश्मीर (Kashmir) को लेकर बयान दिया. भारत ने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा. पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि तुर्की को अपनी नीतियों पर ध्यान देना चाहिए.
संप्रभुता का सम्मान करना सीखे तुर्की
टीएस तिरुमूर्ति ने एक ट्वीट में कहा, "हमने जम्मू और कश्मीर (Indian UT ) पर तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति की टिप्पणी देखी है. वो भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है." उन्होंने आगे लिखा है, "तुर्की को अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए और अपनी नीतियों को और अधिक गहराई से प्रतिबिंबित करना चाहिए."
We have seen remarks by President of Turkey on Indian UT of Jammu & Kashmir. They constitute gross interference in India’s internal affairs and are completely unacceptable. Turkey should learn to respect sovereignty of other nations and reflect on its own policies more deeply.
— PR UN Tirumurti (@ambtstirumurti) September 22, 2020
कश्मीर को बताया ‘ज्वलंत मुद्दा’
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था कि ‘कश्मीर अभी भी एक ज्वलंत मुद्दा है और जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति के उन्मूलन के लिए उठाए गए कदमों ने समस्या को और अधिक जटिल कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के ‘ढांचे’ के भीतर इस मुद्दे को हल करना चाहिए.’
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब तुर्की के राष्ट्रपति ने कश्मीर को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने अपने पिछले साल के UNGA भाषण के दौरान और बाद में पाकिस्तानी संसद को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की यात्रा के दौरान भी इसका उल्लेख किया था.
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तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन
तुर्की और पाकिस्तान (Pakistan) घनिष्ठ सहयोगी के रूप में उभरे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉंड्रिंग (Money laundering) व आतंकवाद को वित्तीय मदद (terrorist funding) जैसे मुद्दों पर FATF से जुड़े मामलों सहित कई स्तर पर अंकारा (Ankara) इस्लामाबाद (Islamabad) का समर्थन करता रहा है.
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