नई दिल्ली: Pakistan Economy: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इन दिनों भुखमरी और गरीबी की मार झेल रहा है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर जमील अहमद ने गुरुवार 9 जनवरी 2024 को कहा कि उनका मुल्क अभी भी आर्थिक लक्ष्यों को पाने और विदेशी कर्ज को चुकाने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहा है.
सिरदर्दी बना विदेशी कर्ज
जमील अहमद ने कहा कि पाकिस्तान ने साल 2023 में सबसे खराब हालातों का सामना किया. इस दौरान महंगाई दर ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर पहुंच गई. इस कारण देश का विदेशी मुद्रा घटकर 4.6 अरब डॉलर रहा था. यानी उनके पास मुश्कि से 3 हफ्ते का आयात करने के लिए पैसा बचा था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी गई. वैसे तो पाकिस्तान को उम्मीद है कि साल 2029 तक उसका विकास दर धीरे-धीरे सुधकर 4.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा, हालांकि विदेशी कर्ज का यह जाल मुश्किल खड़ी कर सकता है.
कर्ज में हुई बढ़ोत्तरी
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक जमील अहमद ने फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FPCCI) की एक बैठक को संबोधित करते हुए कि IMF से बेल आउट पैकेज मिलने के बाद भी पाकिस्तान का विदेशी कर्ज साल 2022 के लेवल पर ही बना हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी कर्ज बढ़कर 100.08 अरबों डॉलर से अधिक हो गया है. इसमें पिछले 1 साल में 500 मिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है.
कर्ज चुका पाएगा पाकिस्तान?
जमील अहमद के अनुसार पाकिस्तान की ओर से हाल ही में लिया गया कर्ज अधिकतर बहुपक्षीय संस्थानों से लिया गया है. उन्होंने कहा कि शॉर्ट टर्म लोन का भुगतान लॉन्ग टर्म लोन से किया जा रहा है, हालांकि अहमद को उम्मीद है कि कर्ज में सुधार होगा और इसके भुगतान की स्थिति पहले से बेहतर होगी. बता दें कुछ ही महीने पहले पाकिस्तान के स्टेट बैंक ने कहा था कि उनका देश कुल 30.35 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने के लिए तैयार है. बैंक ने यह भी कहा था कि फॉरेन लोन और ब्याज भुगतान में भी हर साल वृद्धि हो रही है.
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