नई दिल्ली. देश का निकम्मा विपक्ष दिन-रात इस उधेड़बुन में रहता है कि किस तरह देश की सरकार की कोई गलती निकाली जाए और किस तरह उसका विरोध और उसकी आलोचना की जाए. हाल ही में कांग्रेस वाले राहुल गांधी ने सवाल किया था कि लद्दाख की सीमा पर क्या हो रहा है, देश की सरकार क्यों नहीं बता रही है. यद्यपि छिद्रान्वेषण के शौकीन राहुल गांधी को अच्छी तरह पता है कि सीमा पर मामला गंभीर है और युद्ध जैसे हालात पर भारत सरकार अपनी हर रणनीति खुल कर नहीं बता सकती, फिर भी राहुल पर खालीपन का नशा इतना तारी हो गया है कि राजनीतिक और राष्ट्रीय औचित्यबोध दोनों से ही वे हाथ धो बैठे हैं, ऐसा लगता है.
''भारत हल्के में नहीं ले रहा चीन की हरकतों को''
विपक्ष की जबरिया मांग पर भारत के गृहमंत्री अमित शाह का वक्तव्य सामने आया है. अमित शाह ने ने कहा कि लद्दाख में चीन के रवैये को हल्के में नहीं ले रहा है भारत. चीन की हर एक गतिविधि पर बनी हुई है भारत की पैनी नज़र.
''मोदी सरकार कोई समझौता नहीं करेगी''
गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख मोर्चे पर भारत की गंभीरता को शब्द देते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य-तनाव को दुनिया का कोई सार्वभौम राष्ट्र हल्के में नहीं ले सकता. उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य स्तर पर बातचीत के साथ ही डिप्लोमैटिक लेवल की बात भी हो रही है. लेकिन ये तो तय है कि देश की मोदी सरकार इस विषय पर किसी तरह का समझौता नहीं करने वाली है.
भारत का रुख साफ किया गृह मन्त्री ने
लगभग एक माह से ही लद्दाख बॉर्डर पर चीन के सैनिकों ने तनाव बनाया हुआ है और तब से अब तक भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने अड़ कर खड़े हुए हैं. भारतीय सीमा के भीतर चीन की हर दखलंदाजी को भारतीय सैनिक लगातार असफल कर रहे हैं. जहां एक तरफ कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार खुलकर इस विषय पर कुछ नहीं बता रही है, वहीं गृह मंत्री अमित शाह का स्पष्ट वक्तव्य सामने आया है कि भारत सरकार देश की एक इन्च सरजमीं से कोई समझौता नहीं करने वाली है.
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