युद्ध की स्थिति में भी इन परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं कर सकते भारत-पाक, जानिए पूरा मामला

भारत और पाकिस्तान ने 32 साल की परंपरा जारी रखते हुए एक द्विपक्षीय करार के तहत रविवार को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया. इस समझौते के तहत दोनों पक्षों के एक-दूसरे के परमाणु संस्थानों पर हमला करने पर प्रतिबंध है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 1, 2023, 06:35 PM IST
  • राजनयिक माध्यमों से किया गया आदान-प्रदान
  • 'युद्ध की स्थिति में भी इन पर नहीं होगा हमला'
युद्ध की स्थिति में भी इन परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं कर सकते भारत-पाक, जानिए पूरा मामला

नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान ने 32 साल की परंपरा जारी रखते हुए एक द्विपक्षीय करार के तहत रविवार को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया. इस समझौते के तहत दोनों पक्षों के एक-दूसरे के परमाणु संस्थानों पर हमला करने पर प्रतिबंध है. 

राजनयिक माध्यमों से किया गया आदान-प्रदान
विदेश मंत्रालय ने कहा कि परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों के खिलाफ हमलों पर पाबंदी के समझौते के प्रावधानों के तहत सूची का आदान-प्रदान किया गया. नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक माध्यमों से यह प्रक्रिया संपन्न हुई. 

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारत और पाकिस्तान ने आज नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ कूटनीतिक माध्यमों से परमाणु संस्थानों तथा केंद्रों की सूची का आदान-प्रदान किया. ये संस्थान भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों तथा केंद्रों के खिलाफ हमले पर रोक से जुड़े समझौते के दायरे में आते हैं.’

'युद्ध की स्थिति में भी इन पर नहीं होगा हमला' 
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों ने रविवार को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया जिन पर युद्ध की स्थिति बनने पर भी हमला नहीं किया जा सकता. इसने कहा, ‘समझौते के तहत पाकिस्तान में परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूची रविवार को विदेश मंत्रालय में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को आधिकारिक तौर पर सौंपी गई.’ 

'परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की जानकारी देना अनिवार्य'
विदेश कार्यालय के अनुसार, इसी तरह भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को इस तरह की सूची सौंपी. समझौते पर 31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षर किए गए थे और यह 27 जनवरी, 1991 को प्रभाव में आया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के लिए हर साल एक जनवरी को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की जानकारी देना अनिवार्य है. 

32वीं बार एक दूसरे के साथ साझा की गई सूची
मंत्रालय के अनुसार, ‘यह दोनों देशों के बीच इस तरह की सूचियों का लगातार 32वीं बार आदान-प्रदान है. पहली बार ऐसा एक जनवरी, 1992 को किया गया था.’ दोनों देशों के बीच कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों पर संबंधों में तनाव के बीच सूची का आदान-प्रदान किया गया है. 

(इनपुटः भाषा) 

यह भी पढ़िएः जीबी रोड पर सेक्स वर्कर्स के लिए खोला गया क्लीनिक, जांच और इलाज की मिलेगी सुविधा

 

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

 

ट्रेंडिंग न्यूज़