"भारत, एक हिन्दू राष्ट्र"! करीब 500 सालों के लंबे इंतजार और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या के राम को उनका हक मिला, प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि मिली, उनकी जमीन मिली और देश में उल्लास के बीच उनके भव्य मंदिर की बुनियाद भी रख दी गई. इस ऐतिहासिक मौके का गवाह वो मुस्लिम भी बने. जो दशकों तक बाबरी मस्जिद की लड़ाई लड़ते रहे. लेकिन इसी शुभ घड़ी में भी जहर उगलने वाली आवाजें उठ रही हैं. ऐसे मुसलमान नेताओं की बयानबाजी ही भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए रास्ता दिखाने का काम कर रही हैं.
"हिन्दू राष्ट्र की ओर भारत"! क्या मुसलमान नेता ऐसा ही चाहते हैं?
अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण की शुरुआत होते ही कुछ मुसलमान नेताओं के पेट में दर्द उठना शुरू हो गया. मुसलमान नेताओं की जुबान कैची की तरह चलने लगी. कुछ ने ने ये कह दिया कि भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की नींव रख दी गई है. इसके साथ ही अयोध्या के बाद अब काशी और मथुरा में भी हिन्दुत्व के परचम को फहराने की आवाज उठने लगी है. आपको तीन इशारों से रूबरू कराते हैं, जो मोदी सरकार को रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं.
1). ओवैसी ने दी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की सलाह
AIMIM के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तो ये कह दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पहली ईंट रखकर पीएम मोदी ने एक हिन्दू राष्ट्र की नींव रखी है. वैसे ओवैसी साहब ने भले ही इसे तंज के रूप में कहा हो लेकिन ये तो केंद्र की मोदी सरकार के लिए एक बहुत ही बेहतर सलाह साबित हो सकती है.
ओवैसी ने 5 अगस्त को हिंदुत्व की जीत और धर्मनिरपेक्षता की हार का दिन बताया, वैसे ओवैसी साहब की .
असदुद्दीन साहब ने एक और बड़ी अजीब बात कही कि "प्रधानमंत्री ने मंदिर को सिंबल ऑफ इंडिया कहा है जबकि देश का सिंबल कोई भी धार्मिक जगह, ना मंदिर, ना मस्जिद, नहीं हो सकती है." अब ओवैसी साहब आप बार-बार ये क्यों भूल जाते हैं कि राम मंदिर निर्माण का आदेश देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था.
ओवैसी ने एक बात और कहते हुए मुसलमानों को सलाह दिया कि वो हिम्मत नहीं हारें. जनाब ओवैसी ने ये भी कहा कि हम सभी को एक साथ काम करना होगा और लोकतांत्रिक तरीके से देश को हिन्दू राष्ट्र में बदलने के प्रयासों को रोकना होगा. अब ज़रा ये समझिए कि ओवैसी साहब एकतरफ तो लोकतांत्रिक तरीके की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देश के सुप्रीम कोर्ट पर उन्हें भरोसा नहीं है.
राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर ओवैसी के बयान पर महंत नरेंद्र गिरि ने पलटवार किया है और एक बहुत बड़ी या फिर यूं कहे कि अहम बात कही है कि "भारत हिन्दू राष्ट्र था और रहेगा"
2). साजिद रशीदी ने दी राम मंदिर तोड़ने की धमकी
अखिल भारतीय इमाम असन के अध्यक्ष साजिद रशीदी ने बेतुकी बयानबाजी करते हुए कहा है कि "इस्लाम कहता है कि एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होगी. इसे कुछ और बनाने के लिए नहीं तोड़ा जा सकता है. हम मानते हैं कि यह था, और हमेशा एक मस्जिद होगी. मंदिर को गिराने के बाद मस्जिद का निर्माण नहीं किया गया, लेकिन अब मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त किया जाएगा."
Islam says a mosque will always be a mosque. It can't be broken to build something else. We believe it was, and always will be a mosque. Mosque wasn't built after demolishing temple but now maybe temple will be demolished to build mosque: Sajid Rashidi, Pres, All India Imam Assn pic.twitter.com/DzlbYQ3qdm
— ANI (@ANI) August 6, 2020
भड़काऊ बयान के आरोप में शाजिद रशीदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. बीजेपी ने ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष रशीदी के खिलाफ दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई.
जनाब शाजिद रशीदी की बातों से ये समझा जा सकता है कि ये खुली धमकी है. ऐसी धमकियों से निपटने पीएम मोदी और उनकी सरकार को बखूबी आता है. हां, अगर ये कहा जाए कि रशीदी के इस बेतुके बयान से मोदी सरकार निश्चित तौर पर जनसंख्या नियंत्रण कानून के बारे में विचार करेगी. मतलब कि मोदी सरकार को शाजिद रशीदी ने भी रास्ता दिखाया है.
3). शफीकुर्रहमान बर्क की बेतुकी बयानबाजी
अयोध्या में श्री राम मंदिर शिलान्यास के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद और बाबरी मस्जिद कमेटी के पूर्व संयोजक डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के बिगड़े बोल सामने आए. जनाब शफीकुर्रहमान बर्क ने ये कहा है कि "बीजेपी सरकार ने अपनी ताकत के बल पर अदालत से अपने हक में फैसला कराकर मंदिर की संगे बुनियाद रखकर जम्हूरियत और सेक्युलिरजम का कत्ल किया है."
सपा सांसद ने तो ये भी कह दिया कि "बाबरी मस्जिद थी, बाबरी मस्जिद है और हमेशा बाबरी मस्जिद रहेगी. मुसलमान मायूस न हो, मुसलमान मोदी योगी के रहमोकरम पर नहीं है, अल्लाह के भरोसे जिंदा है. बीजेपी सरकार ने देश के लिए दी गई मुसलमानों की कुर्बानी को भुला दिया है.
जनाब शफीकुर्रहमान बर्क ने भी अपनी बातों में ये साफ कर दिया है कि वो देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपने ठेंगे पर रखते हैं. ऐसे में उन्होंने बातों ही बातों में और अनजाने मोदी सरकार को ये रास्ता दिखा दिया और ये साबित कर दिया कि संविधान की बात करने वालों के चेहरे से नकाब हट गया है.
तारीख भी बताएंगे, मंदिर भी बनाएंगे!
492 साल के इंतजार और तारीख पर तारीख, लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काटकर कानूनी तरीके से राष्ट्र के राम का जो मंदिर बन रहा है उसे गिराने की धमकियां दी जा रही हैं. आग लगाने वालों का गैंग फिर अपनी जहर भरी जुबान लेकर सड़कों पर उतर गए हैं और देश की शांति को जला डालना चाहते हैं. एक सीरियल साजिश के तहत ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड ने चिंगारी दिखाई. फिर ओवैसी ने पेट्रोल डाला, जिसके बाद साजिदी रशीदी ने आग लगा दी है. और डॉ शफीकुर्रहमान बर्क उस आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं.
मंदिर को तोड़कर फिर से मस्जिद बनाने की धमकियां दी जा रही हैं. ये देश के उस कानून का खुला मखौल है, जो हिन्दुस्तान को एक लोकतंत्र बनाए रखता है. ऐसे देशद्रोहियों की करतूत पर सवाल उठने लाजमी हैं.
सवाल नंबर 1). रशीदी जैसे जहरीली जुबान वाले कब गिरफ्तार होंगे?
सवाल नंबर 2). संविधान की बात करने वालों के चेहरे से नकाब हट गया?
सवाल नंबर 3). मंदिर तोड़ने की बात करने वाले देशद्रोही नहीं हैं?
सवाल नंबर 4). मंदिर तोड़ने की बात करना सुप्रीम कोर्ट का अपमान नहीं है?
सवाल नंबर 5). मंदिर की जगह मस्जिद बनाने की बात करना आग लगाना नहीं है?
सवाल नंबर 6). AIMPLB पर ताला कब, ओवैसी पर कार्रवाई कब?
राष्ट्र की भावनाओं को अपमानित करने वाले राष्ट्र विरोधियों को सजा होनी चाहिए, मंदिर तोड़ने की धमकी देने वालों की औकात दिखानी बेहद जरूरी है. क्योंकि जहरीले बयान देने वालों ने साम्प्रदायिकता की आग लगाने की कसम खाई है. ऐसे लोग सुप्रीम कोर्ट को अपमानित कर रहे हैं.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की शुरुआत
इसकी शुरुआत ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने ऑफिसशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर की. इस ट्वीट में कहा गया, "बाबरी मस्जिद थी और हमेशा मस्जिद ही रहेगी. हागिया सोफिया इसका एक बड़ा उदाहरण है. अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण निर्णय द्वारा जमीन पर पुनर्निमाण इसे बदल नहीं सकता है. दुखी होने की जरूरत नहीं है. कोई स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है."
हिन्दुस्तान का आम मुसलमान सांप्रदायिकता के जहर से बचकर तरक्की की राह पकड़ना चाहता है, लेकिन खुद को मुस्लिम तबके का नुमाइंदा कहने वाले कुछ शातिर लोग ऐसा नहीं होने देना चाहते. ये वो राष्ट्र विरोधी तबका है जिसे न तो मुल्क के आईन पर भरोसा है और न ही देश के कानून पर यकीन..
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सबसे बड़ा सलाह तो AIMIM चीफ ओवैसी ने दिया है ये बोलकर कि राम मंदिर के निर्माण के लिए पहली ईंट रखकर पीएम मोदी ने एक हिन्दू राष्ट्र की नींव रखी है. मजहबी सियासत के नाम पर दंगा भड़काने की साजिश रचने वालों के खिलाफ मोदी सरकार का डंडा जरूर चलेगा.
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